लघु उद्योगों को 2 लाख करोड़ रुपये की मदद; 130 लाख से अधिक एमएसएमई को लोन दी जाएगी;
नई दिल्ली। आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को मजबूत करने के लिए नई योजनाएं शुरू होंगी। 5 साल में 6000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। उदयम, ई-श्रम, NCS और असीम पोर्टल आपस में जुड़ेंगे। इससे इनकी संभावनाएं और ज्यादा बढ़ेंगी। अब ये लाइव ऑर्गेनिक डेटाबेस के साथ काम करने वाले प्लेटफॉर्म होंगे। इनसे क्रेडिट सुविधाएं मिलेंगी और आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए संभावनाएं बनेंगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश कर रही हैं। लगातार दूसरी बार पेश हो रहे पेपरलेस आम बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई के लिए कई अहम ऐलान किए गए हैं। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 130 लाख से अधिक एमएसएमई को लोन दिए गए हैं।
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ईसीएलजीएस के दायरे को 50 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपए तक कर दिया गया है। इससे 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त लोन मिल सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि उद्यम, ई-श्रम , एनसीएस और असीम पोर्टल्स को लिंक किया जाएगा। इससे एमएसएमई का दायरा बढ़ जाएगा। घरेलू उद्योगों की मजबूती पर भी सरकार का पूरा जोर है। वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे और लघु उद्योगों को 2 लाख करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी।
वहीं छोटे उद्योग को क्रेडिट गारंटी स्कीम से मदद दी जाएगी। कहा गया कि रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक सर्विस तैयार करेगा। उदयम, ई-श्रम, NCS और असीम के पोर्टल्स को इंटर लिंक किया जाएगा, जिससे इनकी पहुंच व्यापक हो जाएगी। ये पोर्टल G-C, B-C & B-B सर्विस देंगी। जिसमें ऋण सुविधा, उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ाना शामिल होगा।
देश की जीडीपी में अहम योगदान
देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 फीसदी और देश के निर्यात में 48 फीसदी की बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले एमएसएमई सेक्टर को कोरोना महामारी के प्रकोप ने बेहाल कर दिया है। यही वजह है कि आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सरकार को एमएसएमई मंत्रालय के लिए भी अन्य बड़े मंत्रालयों की तरह बजटीय प्रावधान करना होगा। पिछले बजट यानी वित्त वर्ष 2021-22 में एमएसएमई सेक्टर के लिए 15,700 करोड़ का आवंटन किया गया था।