रेमडेसिविर इंजेक्शन की जगह पानी चढ़ाकर बाजार में बेचते थे इन्जेक्सन , नर्स समेत चार गिरफ्तार
मुरादाबाद :एसओजी व मझोला पुलिस की संयुक्त टीम ने शहर के नामचीन अस्पतालों के चार कर्मचारियों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे रेमडेसिविर इंजेक्शन की जगह मरीजों को पानी चढ़ाकर इंजेक्शन चोरी कर लेते थे और जरूरतमंदों को 35 से 40 हजार रुपये में बेच देते थे।
पुलिस ने आरोपियों से 62 हजार रुपए, इंजेक्शन, सिरिंज व कुछ दवाइयां बरामद की हैं। पकड़े के बाद जांच में चारो आरोपी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके कारण उन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद अस्थाई जेल भेज दिया गया। पुलिस गिरोह के पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी हुई है। अस्पतालों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
घटना का खुलासा पुलिस लाइन में एएसपी अनिल कुमार यादव ने पत्रकार वार्ता में किया। उन्होंने बताया कि एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने रेमडेसिविर और अन्य जरूरी दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए व्हाट्सएप नंबर जारी किया। इसी नंबर पर कालाबाजारी की शिकायत आई थी। इसी के बाद जांच को टीम गठित की गई थी।
इसकी मॉनीटरिंग एसपी सिटी कर रहे थे। पर्याप्त जांच के बाद मझोला व एसओजी की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए नर्सिंग स्टाफ कामरान निवासी कस्बा ऊमरी थाना कांठ, सद्दाम हुसैन निवासी कस्बा राजपुर थाना जसपुर, ऊधम सिंह नगर, पीयूष निवासी गंज बाजार, नीम की प्याऊ, सदर कोतवाली और जीवन निवासी ग्राम ककरऊ थाना शहजाद नगर, रामपुर को दबोच लिया। ये सभी शहर के नामचीन अस्पतालों में काम करते थे और रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे थे।
मुरादाबाद एएसपी ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ कामरान और सद्दाम अपने-अपने अस्पतालों से जीवन रक्षक दवाएं चोरी करते थे, जबकि पीयूष और जीवन अस्पतालों के बाहर घूमकर ग्राहकों की तलाश करते थे। जैसे ही ग्राहक फंसता था ये लोग मोटा दाम वसूलकर जरूरतमंदों को रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबिफ्लू की टेबलेट बेच देते थे। आरोपियों ने स्वीकार किया कि रेमडेसिविर चोरी करने के लिए वे मरीजों को पानी चढ़ा देते थे। उनके नेटवर्क में कुछ और लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस उनतक भी जल्द पहुंचेगी। आरोपियों को पकडऩे वाली टीम में एसओ मझोला मुकेश शुक्ला और एसओजी प्रभारी अजयपाल की मुख्य भूमिका रही।