अंतराष्ट्रीय

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी PM Modi और बाइडेन की अहम वर्चुअल बैठक आज

वॉशिंगटन. रूस और यूक्रेन में चल रही जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Modi को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ अहम वर्चुअल बैठक करेंगे. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर दोनों देशों के बीच गंभीर मतभेद हैं. भारत ने इस मसले पर अमेरिका की इच्छा के अनुसार कदम नहीं उठाया है.

विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया कि दोनों नेता दक्षिण एशिया, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक मुद्दों पर चल रहे द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करेंगे और विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. वर्चुअल बैठक दोनों पक्षों को द्विपक्षीय समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से अपने नियमित और उच्चस्तरीय जुड़ाव को बनाए रखने में सक्षम बनाएगी.

आइए जानते हैं पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच आज की मुलाकात के खास बातें…

दोनों नेताओं के बीच यह बैठक वॉशिंगटन में होने वाली भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता से पहले होगी. इस टू प्लस टू वार्ता का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन करेंगे.
पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति के समक्ष भारत का पक्ष रखेंगे. यूक्रेन मामले में अमेरिका, यूरोपीय यूनियन समेत कई पश्चिमी देश भारत के रुख की आलोचना करते रहे हैं. पिछले दिनों भारत दौरे पर आए अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने भारत के रुख पर निराशा जताते हुए चेतावनी भी दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन आक्रामक रुख अपनाता है तो रूस भारत की मदद करने नहीं आएगा.
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ आए दो प्रस्तावों पर भारत के तटस्थ रुख पर भी निराशा जताई थी. इसके अलावा उसने भारत को रूस से तेल और गैस का आयात बंद करने के लिए कहा है. हालांकि, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसका वाजिब जवाब दिया था.
अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी कम करने और निर्बाध आवागमन को प्राथमिकता देता रहा है. एलएसी पर तनातनी के बीच भारत क्वाड का सदस्य बना था. इस मामले में भारत का अमेरिका सहित क्वाड देशों का रुख एक है. मोदी-बाइडन बैठक में इस मुद्दे पर भी बातचीत होगी.
अमेरिका नहीं चाहता कि भारत रक्षा खरीद मामले में रूस को प्राथमिकता दे. बीते दिनों अमेरिका ने भारत और रूस के बीच हुए एस-400 मिसाइल सिस्टम सौदा मामले में भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी. ऐसे में एस-400 मिसाइल सिस्टम को लेकर भी बात हो सकती है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करेंगे. ये मुलाकात दोनों देशों के बीच लगातार हाईलेवल एंगेजमेंट के रास्ते खोलेगे. दोनों नेता साउथ एशिया के हालिया घटनाक्रम और साझा हितों से जुड़े वैश्विक घटनाक्रमों पर बातचीत करेंगे.
इसके अलावा मोदी और बाइडन कोरोना महामारी को लेकर भी बात कर सकते हैं. हाल के दिनों में अमेरिका और भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट के स्वरूप और वैक्सीनेशन को लेकर बात हो सकती है.
जलवायु संकट एक बड़ी समस्या है. लगभग हर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इस मुद्दे को उठाया जाता है. दोनों नेता जलवायु संकट का मुकाबला करने के तरीकों पर भी चर्चा कर सकते हैं.
इसके साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सुरक्षा, लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एक स्वतंत्र, खुले, नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने सहित कई अहम मुद्दों पर सहयोग पर चर्चा हो सकती है.
दोनों नेता एशिया-प्रशांत इकोनॉमिक फ्रेमवर्क के विकास और उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे को विकसित करने के बारे में चल रही बातचीत को भी आगे बढ़ाएंगे.

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