रूस पाकिस्तान के सैन्य अभ्यास के अलावा सैन्य सजा देने को तैयार, आतंक वाद के खिलाफ खड़े होने में करेगा मदत
नई दिल्ली :रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को कहा कि उनका देश पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ उठ खड़ा होने के लिए “विशेष” सैन्य उपकरण उपलब्ध कराएगा। शीत युद्ध काल के इन दो विरोधियों के बीच आतंकवाद से लड़ने में सहयोग बढ़ाने और संयुक्त नौसैन्य एवं भूमि अभ्यास करने पर सहमति बनी है। भारत से होकर पाक पहुंचे लावरोव ने कहा कि पाकिस्तान के साथ अधिक सैन्य और नौसैनिक अभ्यास करने और द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने की भी योजना है।
करीब एक दशक में पाकिस्तान जाने वाले रूस के पहले विदेश मंत्री, लावरोव ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ये टिप्पणियां की। वार्ता के दौरान दोनों में अर्थव्यवस्था, व्यापार, आतंकवाद से निपटने और रक्षा समेत सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई। लावरोव ने रूसी ऊपकरण के ब्योरे दिए बिना कहा, “पाकिस्तान को विशेष सैन्य उपकरण की आपूर्ति समेत हम पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी क्षमता को बढ़ाने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र के सभी राज्यों के हित में है।” साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने सैन्य अभ्यासों के आयोजन पर भी सहमति जताई है।
रूस और पाकिस्तान 2016 से संयुक्त अभ्यास – द्रुजबा का हर साल आयोजन करते हैं। रूस ने पूर्व में कहा था कि भारत को पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए और मॉस्को इस्लामाबाद के साथ संबंध विकसित करने के प्रति प्रतिबद्ध है क्योंकि वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का एक सदस्य है। लावरोव 2012 के बाद पाकिस्तान की यात्रा करने वाले पहले रूसी विदेश मंत्री हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हवाईअड्डे पर उनका स्वागत किया।
कुरैशी ने ट्वीट किया, पाकिस्तान और रूस एक बहुआयामी संबंध साझा करते हैं। हम लावरोव की यात्रा का स्वागत करते हैं, जो कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के अनुरूप है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि विभिन्न बातचीत के दौरान पाकिस्तान-रूस के संबंधों के सभी आयामों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें विशेष रूप से रक्षा एवं प्रतिरक्षा, ऊर्जा, आतंकवाद-निरोध, अफगान शांति प्रक्रिया, अर्थव्यवस्था और व्यापार क्षेत्र शामिल है।
इससे पहले कुरैशी ने कहा था कि लावरोव की यात्रा नौ साल में किसी रूसी विदेश मंत्री द्वारा की जाने वाली मुल्क की पहली यात्रा होगी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि रूस इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देश है। पाकिस्तान की उनकी यात्रा से पता चलता है कि हमारे द्विपक्षीय संबंध एक नया मोड़ ले रहे हैं। दोनों देश उत्तर दक्षिण गैस पाइपलाइन परियोजना को आगे बढ़ाना चाहते हैं, जो काफी समय से चर्चा में है। कराची में पाकिस्तान स्टील मिल रूसी मदद से स्थापित की गई थी और उसे मौजूदा वित्तीय संकट से बाहर निकालने का एक मौका है।