रूस के राष्ट्रपति पुतिन पंद्रह साल और रहेंगे देश का राष्ट्रपति किया संबिधान संसोधन
मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन का अगले 15 साल तक सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने सोमवार को उस बिल पर साइन कर दिए, जिसमें उन्हें वर्ष 2036 तक सत्ता में बने रहने का अधिकार दिया गया है.
मॉस्को टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार बतौर राष्ट्रपति, पुतिन का यह लगातार दूसरा और कुल मिलाकर चौथा कार्यकाल है. निवर्तमान संविधान के मुताबिक उन्हें 2024 में सत्ता छोड़नी थी लेकिन अब संविधान में संशोधन की वजह से वे अगले 15 साल और अपने पदों पर बने सकेंगे. व्लादीमीर पुतिन ने पिछले साल देश में एक मतसंग्रह करवाया था, जिसमें उन्हें 6-6 साल के दो और कार्यकाल की छूट दी गई थी. भारी विरोध के बीच हुए मतदान में पुतिन ने भारी मतों से जीत का दावा किया था. उसके बाद यह प्रस्ताव रूसी संसद के जरिए होते हुए राष्ट्रपति पुतिन तक पहुंचा था.
वर्ष 2024 के बाद रूसी राष्ट्रपति के लिए 6-6 साल का कार्यकाल होगा. अगर पुतिन दोनों बार जीत हासिल कर लेते हैं तो वे वर्ष 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे. ऐसा करके वे सबसे ज्यादा समय तक शासन करने के रूसी शासक जोसेफ स्टालिन और पीटर का भी रिकॉर्ड तोड़ देंगे. सोमवार को पास हुए बिल में पुतिन को अगले 20 साल तक चुनाव लड़ने और सत्ता में आने का अधिकार दिया गया है.
पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव को भी इस बिल में नए अधिकार दिए गए हैं. मेदवेदेव वर्ष 2008 से 12 तक रूस के राष्ट्रपति रहे थे. उन्हें भी दो बार और चुनाव लड़ने की छूट दी गई है. पुतिन के विरोधियों ने इन सारी पहलकदमी की आलोचना की है. वे इन सारे प्रयासों को पुतिन के जीवन भर राष्ट्रपति रहने और रूस का नया तानाशाह बनने के रूप में देखते हैं. हालांकि इस बिल पर साइन करने से पहले पुतिन ने कहा था कि उनका 2024 तक का कार्यकाल उनके लिए काफी है. उन्होंने यह भी कहा था कि 2024 के बाद चुनाव लड़ने के बारे में उन्होंने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है.