रिकॉर्ड टैक्स( tax ) कलेक्शन से भर गया सरकारी खजाना

नई दिल्ली. एक तरफ आम जनता टैक्स ( tax ) के बोझ से लदी हुई है, तो दूसरी तरफ सरकार के खजाने में टैक्स से पैसा ही पैसा आ रहा है. वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2021-22 में हुए कुल टैक्स कलेक्शन का ब्योरा जारी किया. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में डायरेक्ट टैक्स में 49 फीसदी और इनडायेक्ट टैक्स में 30 फीसदी की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है.
वित्त वर्ष 2021-22 में मोदी सरकार का कुल टैक्स रेवेन्यू 34 फीसदी की रिकॉर्ड बढ़ोतरी के साथ 27.07 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया. यह बजट अनुमान से लगभग 5 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है. 2021-22 के बजट में टैक्स से होने वाली कमाई 22.17 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था. 2020-21 में टैक्स रेवेन्यू 20.27 लाख करोड़ रुपए रहा था.
डायरेक्ट टैक्स 49 फीसदी बढ़ा
आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 49 फीसदी की तेज बढ़त के साथ 14.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. जबकि इनडायेक्ट टैक्स कलेक्शन में 30 फीसदी वृद्धि हुई है और यह 12.90 लाख करोड़ रुपये रहा. राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बताया कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन पिछले वित्त वर्ष के बजट अनुमान से 3.02 लाख करोड़ रुपये ज्यादा रहा. कस्टम ड्यूटी से होने वाली आमदनी में भी 41 फीसदी का इजाफा हुआ है.
तरुण बजाज के मुताबिक, टैक्स रेवेन्यू में इजाफा इकोनॉमी में सुधार को दर्शाता है. उन्होंने बताया कि एक्साइज ड्यूटी का कलेक्शन भी बजट अनुमान से अधिक रहा है. 2021-22 में टैक्स-टू-जीडीपी रेशियो 11.7 फीसदी पर रहा. वित्त वर्ष 2020-21 में टैक्स-टू-जीडीपी रेशियो 10.3 फीसदी पर रहा था. यह 1999 के बाद सबसे ज्यादा है.