अंतराष्ट्रीय

राष्ट्रपति से अमेरिकी सांसदों ने कहा की भारत की मदत क्यों नहीं ? हमारे पास है संसाधन उपलब्ध

वॉशिंगटन: कोरोना संकट में भारत की मदद से इनकार करने वाले अमेरिका को उसी के नेताओं ने आड़े हाथ लिया है. इन नेताओं का कहना है कि भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उसे वैक्सीन निर्माण के लिए कच्चा माल तुरंत उपलब्ध कराया जाना चाहिए. उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन से इस संबंध में जल्द से जल्द फैसला लेने की मांग भी की है. मालूम हो कि एक मई से भारत में वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू होने जा रहा है. सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाना चाहती है, ताकि संक्रमण की बेकाबू रफ्तार को नियंत्रित किया जा सके. इसके लिए वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाना होगा और उसके लिए बड़े पैमाने पर कच्चे माल की आवश्यकता पड़ेगी.
अमेरिका के मैसाचुसेट्स से डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर एड मार्के ने बाइडेन प्रशासन से भारत की तुरंत मदद करने का अनुरोध किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि भारत में कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हो रही है. उन्होंने पृथ्वी दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि पृथ्वी दिवस हमारे ग्रह ही नहीं इस पर रहने वाले सभी लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है.
इसके बाद एड मार्के ने एक तरह से अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अमेरिका के पास पर्याप्त से ज्यादा मात्रा में वैक्सीन है, लेकिन फिर भी हम भारत जैसे देशों को समर्थन करने से इनकार कर रहे हैं. सीनेटर ने राष्ट्रपति से अपील करते हुए कहा कि हमारे पास मदद के लिए संसाधन हैं और अन्य लोगों को इसकी आवश्यकता है, इसलिए उनकी मदद करना हमारा नैतिक दायित्व बनता है. इसी तरह, मिशिगन से डेमोक्रेटिक पार्टी की यूएस कांग्रेस प्रतिनिधि हेली स्टीवंस ने भी ट्वीट कर भारत में बढ़ते कोरोना मामलों पर दुख जताया है. उन्होंने लिखा कि भारत में विनाशकारी कोरोना की लहर के दौरान मेरी संवेदना वहां के लोगों के साथ है.

हेली स्टीवंस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है. स्टीवंस ने लिखा है, ‘मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करना चाहती हूं कि बेकाबू होते कोरोना को नियंत्रित करने के लिए जितना हो सके मदद करें. यहां गौर करने वाली बात ये है कि अमेरिका और भारत के रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं. खासकर मोदी सरकार में दोनों देश एक-दूसरे के नजदीक आए हैं. इसके बावजूद भी यूएस ने भारत की सहायता पर हाथ खड़े कर दिए हैं. जबकि भारत की परेशानी बढ़ाने वाले चीन ने उसकी मदद की पेशकश की है. बीजिंग की तरफ से कहा गया है कि संकट की इस घड़ी में वो भारत को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है.

कोरोना वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चे माल की आपूर्ति पर लगी रोक हटाने के सवाल पर अमेरिका ने कहा था कि यूएस भारत ( की जरूरतों को समझता है, लेकिन फिलहाल हमारे हाथ बंधे हुए हैं. जब व्हाइट हाउस (White House) से इस संबंध में सवाल किया गया, तो प्रेस सेक्रेटरी जैन पास्की से सीधा जवाब न देते हुए बस इतना कहा कि हम भारत की जरूरतों को समझते हैं. वहीं, कोविड-19 रिस्पांस टीम के वरिष्ठ सलाहकार नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिसीज के डायरेक्टर डॉ एंथनी फौसी ने कहा था कि फिलहाल हमारे पास भारत के लिए कुछ नहीं है

 

 

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