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राम रहीम की फरलो को चुनौती…..

चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की फरलो मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। राम रहीम को हरियाणा सरकार ने सात फरवरी को 21 दिन की फरलो दी थी, जो 28 फरवरी को समाप्त हो रही है। यह फरलो पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले दी गई, जिससे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया था। बता दें, इससे पहले मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई थी।

राम रहीम की फरलो को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत गुरमीत सिंह को हार्ड कोर क्रिमिनल माना जाए या नहीं, बुधवार को हाई कोर्ट में इस विषय पर बहस शुरू हुई। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिए कि वह साबित करे कि किस आधार पर डेरा प्रमुख को हार्ड कोर क्रिमिनल न माना जाए। इस पर हरियाणा सरकार शुक्रवार को हाई कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखने को कहा था। याचिकाकर्ता की तरफ से डेरा प्रमुख को हार्ड कोर क्रिमिनल बताते हुए बहस की गई, जबकि सरकार की तरफ से इसका विरोध किया गया। याची पक्ष की तरफ से यह भी दलील दी गई कि डेरा प्रमुख ने अभी सजा कम ही काटी है।

ऐसे में उसे फरलो गलत तरीके से दी गई है।

हरियाणा सरकार ने अपना जवाब दायर करते हुए कहा था कि डेरा प्रमुख को हत्या की साजिश रचने के आरोप में दोषी करार देकर सजा सुनाई गई है। इन मामलों में उसे सह अभियुक्तों के साथ साजिश रचने का दोषी माना गया था। ऐसे में उसे हार्ड कोर क्रिमिनल नहीं कहा जा सकता है और वैसे भी डेरा प्रमुख को कानूनी राय लेने के बाद ही फरलो दी गई थी। बुधवार को हाई कोर्ट ने सरकार के इसी जवाब पर कहा कि सरकार ऐसी कोई जजमेंट हाई कोर्ट में पेश करे, जिसके तहत यह साबित हो सके कि डेरा प्रमुख को हार्ड-कोर क्रिमिनल नहीं माना जा सकता।

कुछ दलीलें रखे जाने के बाद कोर्ट का समय पूरा हो गया।

अब इस मामले में हाईकोर्ट शुक्रवार को सुनवाई जारी रखेगा। आज मामले में सुनवाई हुई। डेरा प्रमुख को दी गई फरलो के खिलाफ पटियाला के भादसों निवासी परमजीत सिंह सहोली ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि डेरा प्रमुख पहले ही कई संगीन अपराधों का दोषी करार दिया जा चुका है और रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है।

मंत्री ने कहा : सुनिश्चित की जा रही सुरक्षित वापसी

इसके अलावा उसके खिलाफ कुछ अन्य आपराधिक मामले अदालतों में चल रहे हैं। बावजूद इसके हरियाणा सरकार ने डेरा प्रमुख को फरलो दिए जाने के आदेश दे दिए, जो कि पूरी तरह से गलत है। आरोप लगाया गया है कि पंजाब विधानसभा के 20 फरवरी को चुनाव हुए हैं। ऐसे में इन चुनाव से ठीक पहले डेरा प्रमुख को फरलो राजनीतिक लाभ उठाने के लिए ही दी गई है।

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