रत्ना फाउंडेशन हरिव्दार की भारयीय संस्कृति के लिए नई पहल

स. सम्पादक शिवाकान्त पाठक!
ऐक भेंट वार्ता के दौरान भाष्कर चंद्रा संस्थापक रत्ना फाउंडेशन हरिव्दार ने बताया कि समाज और देश में सबसे उन्नत और प्राचीन संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार करने की दिशा में रत्ना फाउंडेशन की तरफ से उठाया जा रहा है एक कदम, देश को फिर से संस्कृत भाषा के विद्वानों की और ज्ञान की जरूरत है*
दस दिवसीय सरल संस्कृत संभाषण शिविर
अत्यंत खुशी के साथ मै सभी रत्ना फाउंडेशन के सदस्यों को सूचित करना चाहता हूं की इस आगामी एक सितंबर से दुनिया की सबसे प्राचीन और उन्नत भाषा संस्कृत सीखने के लिए 10 दिवसीय कोर्स शुरू कर रहे हैं हम निशुल्क
आप में से जो भी सीखना चाहते हैं वह मुझे अपना नाम और नंबर और अपना समय लिखकर भेजें किस समय आप फ्री रहेंगे हालांकि फिलहाल हम ऑनलाइन क्लास करेंगे ग्रुप में। जिस हिसाब से आप सभी का रिस्पांस मिलेगा इसका एडवांस कोर्स करवाएंगे फेस टू फेस क्लास के जरिए। फिलहाल हम यह क्लास निशुल्क रखेंगे पर आप में से कोई भी अगर संस्कृत भाषा के शिक्षकों का सम्मान करने के लिए और शिक्षकों को अपना अमूल्य समय देने के लिए कुछ भी राशि देना दान करना चाहे तो दे सकते हैं वो सारी राशि हम शिक्षकों को भेंट स्वरूप प्रदान करेंगे।