उत्तर प्रदेशराजनीति
ये पार्टी का फैसला है, सबको मंजूर, कौमी एकता दल के विलय पर बोले सीएम
लखनऊ. कैबिनेट बैठक खत्म कर मीडिया से रूबरू हुए सीएम अखिलेश यादव ने आखिरकार कौमी एकता दल पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि फैसला पार्टी का फैसला है। उन्होंने राजनीतिक हलकों में चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि कोई किसी से नाराज नहीं है और ना ही नाराजगी है। पार्टी जो भी फैसला करेगी वह सबको मंजूर होगा।
अच्छे व्यक्ति हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
यही नहीं उन्होंने बसपा से बगावत करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य पर कहा कि वह अच्छे व्यक्ति हैं। गलत दल में थे। उन्होंने कहा कि मौर्या बड़े नेता हैं और उनसे हमारे संबंध अच्छे हैं।
यादव परिवार में हो गया था विवाद
– बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय पर मुलायम सिंह यादव के परिवार में विवाद हो गया था।
– इस फैसले से नाराज सीएम अखिलेश यादव को मनाने के लिए शिवपाल यादव उनके घर पहुंचे थे।
– यहां उन्होंने बलराम यादव को बर्खास्त करने, मुख्तार अंसारी और मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर करीब 1.5 घंटे तक बातचीत की थी।
– मुलायम अपने बेटे अखिलेश के फैसले से नाराज बताए जा रहे थे।
– वहीं, शिवपाल का कहना था कि ये फैसला नेताजी (मुलायम सिंह) की सहमति से हुआ है।
मुलायम से नाराज थे अखिलेश?
– कहा ये भी जा रहा था कि अखिलेश यादव कौमी एकता दल और सपा के विलय को लेकर मुलायम सिंह से नाराज हैं।
– वहीं, पार्टी में विलय को लेकर मीडिएटर की भूमिका निभाने वाले बलराम यादव को बर्खास्त करने से मुलायम भी अखिलेश से नाराज हैं।
– चर्चा थी कि अखिलेश यादव के रुख को लेकर मुलायम सिंह भी असमंजस में हैं।
– यही वजह है कि कौमी एकता दल के विलय को लेकर आगामी 25 जून को सपा सुप्रीमो ने सेंट्रल पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठक बुलाई है।
– वहीं, पार्टी में विलय को लेकर मीडिएटर की भूमिका निभाने वाले बलराम यादव को बर्खास्त करने से मुलायम भी अखिलेश से नाराज हैं।
– चर्चा थी कि अखिलेश यादव के रुख को लेकर मुलायम सिंह भी असमंजस में हैं।
– यही वजह है कि कौमी एकता दल के विलय को लेकर आगामी 25 जून को सपा सुप्रीमो ने सेंट्रल पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठक बुलाई है।
क्या था पूरा मामला
– अखिलेश यादव ने मंगलवार को सेकंडरी एजुकेशन मिनिस्टर बलराम यादव को उनके पद से हटा दिया था।
– इसकी मुख्य वजह सपा में कौमी एकता दल का विलय बताया गया, जिससे अखिलेश सहमत नहीं हैं।
– इसकी मुख्य वजह सपा में कौमी एकता दल का विलय बताया गया, जिससे अखिलेश सहमत नहीं हैं।
– उनका मानना था कि कौमी एकता दल के पार्टी में शामिल होने से पार्टी के साथ सरकार की भी इमेज पर असर पड़ेगा।