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यूपी, गुजरात, एमपी और पूर्वी राजस्थान के कई इलाकों में हो सकती है बारिश

नई दिल्ली. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तर भारत में 18-21 जुलाई तक और पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्रों में 23 जुलाई तक भारी बारिश का अनुमान जताया है. IMD ने कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर बिजली चमकने, बादल गरजने के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है. मौसम विभाग ने आगाह किया, ‘इससे बाहर रहनेवाले लोग और जानवर हताहत हो सकते हैं.’ IMD ने कहा कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र (जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्तिस्तान और मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) और इससे सटे उत्तर-पश्चिम भारत-पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में 18 से 21 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है. इसके बाद इन्हीं क्षेत्रों में वर्षा की गतिविधि में कमी आएगी.

उत्तराखंड में 18 और 19 जुलाई को तथा उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में कुछ स्थानों पर 19 जुलाई को अत्यधिक वर्षा का अनुमान है. दिल्ली और चंडीगढ़ में 18 और 19 जुलाई को छिटपुट स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा की संभावना है. मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिमी और दक्षिण भारत में भी भारी बारिश होने की संभावना है. अगले पांच-छह दिनों के दौरान पश्चिमी तट और आसपास के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने का अनुमान है. महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होगी.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ हिस्सों में रविवार को हल्की से मध्यम बारिश हुयी. राजधानी में अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने इसकी जानकारी दी. विभाग ने कहा कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में आंधी तूफान के साथ हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश हुयी.

मौसम अधिकारी ने बताया कि शहर में न्यूनतम तापमान आज 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो औसत से एक डिग्री अधिक है. उन्होंने बताया कि साढे पांच बजे शाम में आर्द्रता 75 फीसदी दर्ज की गयी. मौसम विभाग ने सोमवार को दिल्ली में छिटफुट स्थानों पर ‘मध्यम से तेज बारिश’ का पूर्वानुमान लगाया है.विभाग ने सोमवार को न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमश: 25 और 32 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है.

IMD ने अगले 24 घंटे में मध्यप्रदेश के 11 जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना व्यक्त करते हुए ‘यलो अलर्ट’ जारी किया है. इसके अलावा, IMD ने प्रदेश के नौ संभाग के जिलों में गरज के साथ बिजली चमकने एवं गिरने की संभावना के लिए भी ‘यलो अलर्ट’ जारी किया है. IMD भोपाल कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी पी के साहा ने रविवार को इसकी जानकारी देते हुए पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ये दोनों यलो अलर्ट रविवार दोपहर 1230 बजे से सोमवार दोपहर 1230 बजे तक के लिए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन 11 जिलों में आगामी 24 घंटे में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा होने की संभावना का यलो अलर्ट जारी किया गया है, उनमें रीवा, दमोह, सागर, छतरपुर, बैतूल, रतलाम, आगर मालवा, नीमच, मंदसौर, अशोकनगर एवं श्योपुर जिले शामिल हैं. साहा ने बताया कि जिन संभागों के जिलों में आगामी 24 घंटे में कहीं-कहीं पर गरज के साथ बिजली चमकने एवं गिरने की संभावना के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है, उनमें सागर, रीवा, जबलपुर, उज्जैन, इंदौर, भोपाल, होशंगाबाद, ग्वालियर एवं चंबल शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के चंबल संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, ग्वालियर संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर, रीवा, शहडोल, जबलपुर एवं सागर संभागों के जिलों में कही-कहीं पर वर्षा दर्ज की गई. साहा ने बताया कि पिछले 24 घंटे में नरवर में प्रदेश में सबसे अधिक 14 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जबकि भितरवार में नौ सेंटीमीटर, बैराड़ एवं श्योपुर में छह-छह सेंटीमीटर, गोरमी में पांच सेंटीमीटर, डबरा, करेरा एवं ग्वालियर में चार-चार सेंटीमीटर और शिवपुरी एवं कोलारस में तीन-तीन सेंटीमीटर बारिश हुई.

महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने रविवार को पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह को बताया कि देश भर में जुलाई में बारिश 26 प्रतिशत कम रही है. IMD के दौरे के दौरान सिंह को अधिकारियों ने यह भी बताया कि देशभर में IMD के 27 रडार हैं और आने वाले वर्षों में यह संख्या 50 तक पहुंच जाएगी. मंत्री ने अधिकारियों के साथ एक घंटे तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के रुझानों का अध्ययन किया. उन्होंने विशेष उपग्रह और रडार अनुभागों का भी दौरा किया, और वास्तविक समय के आधार पर आंकड़े हासिल करने की प्रक्रिया पर चर्चा की.

सिंह को दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बदलाव के बारे में भी जानकारी दी गई. एक बयान में कहा गया है, ‘IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने मंत्री को सूचित किया कि इस साल जून के महीने में मानसून की बारिश सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक थी, लेकिन जुलाई में अब तक 26 प्रतिशत कम बारिश हुई है.’
वर्षा ऋतु के चार महीनों में शुमार जुलाई और अगस्त में देश में अधिकतम बारिश होती है.IMD ने जुलाई के अपने पूर्वानुमान में सामान्य बारिश की भविष्यवाणी की थी. मॉनसून में विराम के बाद, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने 8 जुलाई से फिर से आगे बढ़ना शुरू किया. तब से देश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है.

 

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