उत्तर प्रदेश

यूपी के विकास में जेवर एयरपोर्ट से मिलेगी एक पहचान :योगी

लखनऊ. दुनिया के विशालतम हवाईअड्डों में से एक ‘नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा’ जेवर’ के निर्माण का काम जल्द ही शुरू होने जा रहा है. शनिवार का दिन इस लिहाज से बेहद खास रहा, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में जेवर एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार द्वारा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) को 1,334 हेक्टेयर जमीन 90 साल की लीज पर देने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की गई. साथ ही, एयरपोर्ट विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल (एजी), यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा.लि. और एनआईएएल के बीच शेयर होल्डर अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर भी हुए. अब अगले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस एयरपोर्ट का शिलान्यास प्रस्तावित है.

सीएम योगी ने कोरोना महामारी के बीच भी जेवर एयरपोर्ट का कार्य समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि देश में एयर कनेक्टिविटी को सर्वसुलभ और विश्वस्तरीय बनाने के सपने को नई उड़ान देने वाला भी होगा. सीएम ने कहा कि विगत 4 वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश के अंदर नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है. 2017 तक उत्तर प्रदेश के अंदर मात्र चार एयरपोर्ट क्रियाशील थे.

उनमें भी केवल लखनऊ और वाराणसी ही नियमित थे. बाकी गोरखपुर और आगरा से कभी-कभार ही उड़ान होती थी. आज हमारे 8 एयरपोर्ट प्रदेश के अंदर क्रियाशील हैं. जहां 2017 के पहले हम केवल लखनऊ और वाराणसी, गोरखपुर और आगरा से 25 गंतव्यों तक वायुसेवा थी, आज वह सेवा 3 गुना अधिक गंतव्य तक विस्तार ले चुकी है. यही नहीं, कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट हमारा कार्य लगभग पूरा हो चुका है और कभी भी हम इस एयरपोर्ट को इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए प्रारंभ किया जा सकता है. इस अवसर पर प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट टर्मिनल को भारतीय वस्तुकला का विशिष्ट नमूना बनाने की कोशिश होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वही क्षेत्र था जहां विकास परियोजनाओं के लिए गोलियां चलती थीं, जहां पर न केवल कानून व्यवस्था का भीषण संकट था, यहां बड़े-बड़े आंदोलन भी होते थे। लेकिन आज कितने शांतिपूर्ण तरीके से एक बहुत बड़े प्रोजेक्ट को लेकर के राज्य सरकार को सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है. जेवर एयरपोर्ट हमारे लिए भविष्य की संभावनाओं को आगे बढ़ाने का एक बेहतरीन माध्यम है, जो उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होगी.

 

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