यूजीसी ने यह निर्णय लिया की एनसीसी को विश्वविद्यालय कोर्स का बनाये हिस्सा

मेरठ :छात्र-छात्राओं में अनुशासन, चरित्र निर्माण और नि:स्वार्थ सेवाभाव विकसित करने के लिए विश्वविद्यालयों में एनसीसी की पढ़ाई कोर्स का हिस्सा बन गई है। विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में इलेक्टिव विषय की तरह छात्रों को एनसीसी पढ़ने को मिलेगी। थ्योरी और प्रैक्टिकल के घंटे तय रहेंगे। छात्रों द्वारा प्राप्त क्रेडिट बी और सी सर्टिफिकेट के लिए जुड़ेंगे। नई शिक्षा नीति में भी एनसीसी को बतौर कोर्स शामिल करने की सिफारिश की गई थी। डायरेक्टर जनरल एनसीसी ने कोर्स तैयार करते हुए यूजीसी को भेजा, जिसे अब कुलपतियों को भेजा गया है। कोर्स च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम यानी सीबीसीएस मोड में रहेगा।
निर्देशों के अनुसार देशभर के विश्वविद्यालय, कॉलेज, निजी विश्वविद्यालय और ऑटोनॉमस विश्वविद्यालय में जहां भी इस वक्त एनसीसी यूनिट दी गई हैं, वहां यह कोर्स चलेगा। कैडेट्स की स्वीकृत क्षमता में बढ़ोतरी नहीं होगी। कोर्स में थ्योरी एवं ट्रेनिंग के नियमों का कड़ाई से पालन होगा।
कोर्स में छह सेमेस्टर होंगे, जिसमें 24 क्रेडिट रखे गए हैं। आठ क्रेडिट थ्योरी, छह प्रैक्टिकल और दस कैंप के रहेंगे। पहले सेमेस्टर में कैंप के क्रेडिट तीसरे और दूसरे के पांचवें सेमेस्टर में जोड़े जाएंगे। कोर्स में 82 घंटे लेक्चर और 128 घंटे प्रैक्टिकल के रहेंगे। 38 घंटे सेना से जुड़े विशेषीकृत विषय में थ्योरी और 52 घंटे इसमें प्रैक्टिकल के होंगे।
थ्योरी पेपर में राष्ट्रीय एकता एवं जागरुकता, व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व क्षमता, सामाजिक सेवा और सामुदायिक विकास, एडवेंचर, पर्यावरण जागरुकता एवं संरक्षण, सीमा और समुद्री क्षेत्र, सशत्र सेनाएं, संचार, सैन्य इतिहास सहित विभिन्न बिंदु पढ़ने को मिलेंगे।
ड्रिल, फील्ड क्रॉफ्ट एवं बेटल क्रॉफ्ट, मैप रीडिंग, वेपन ट्रेनिंग, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता आदि।
शारीरिक प्रशिक्षण, ड्रिल, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, खेल, संस्कृति आदि।