यूक्रेनी सैनिकों ने भारतीयों से कराई उठक-बैठक

प्रेज्मिस्ल (पोलैंड): पूरा दिन ट्रेन और बस यूक्रेन से भाग रहे लोगों को पोलैंड के सीमावर्ती शहरों तक लाती रहीं. इन लोगों में हमलों के कारण वतन छोड़कर भाग रहे यूक्रेनी नागरिक ही नहीं हैं,बल्कि बड़ी संख्या अन्य देशों के निवासियों की भी है जिन्होंने यूक्रेन को अपना ठिकाना बनाया था. सीमा के नज़दीक स्थित शहर प्रेज्मिस्ल कई शरणार्थियों के लिए पहला पड़ाव है. इनमें बड़ी संख्या में अफ्रीकी और पश्चिम एशियाई देशों के निवासी हैं.
स्वयंसेवक ने कहा कि क्या वह पोलैंड के शहर क्रैकोव तक जाना चाहेंगे? इससे वह जर्मनी के नज़दीक पहुंच जाएंगे. इस पर उन्होंने राज़ामंदी दे दी. गैर यूक्रेनियों ने शिकायत की है कि उनके साथ खराब सलूक किया गया है और यूक्रेनियों की तुलना में उन्हें लंबी कतारों में लगाया गया है. भारतीय छात्रा कनिका अग्निहोत्री छह साल से यूक्रेन में हैं. वह बिना भोजन छह घंटे तक चलकर शेहनी सीमा क्रॉसिंग पहुंची. उन्होंने कहा कि वहां यूक्रेन के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें अपमानित किया और भारतीयों के एक अन्य समूह से उठक-बैठक लगाते हुए सुरक्षा कर्मियों के पास तक आने को कहा गया.
अफ्रीका के लोगों से भी बदसलूकी
उन्होंने ‘ कहा कि उनका समूह दूसरे सीमा क्रॉसिंग पर चला गया जहां उनके साथ अच्छा सलूक किया गया. उन्होंने कहा कि पोलैंड में पहुंचने के बाद देश के लोगों ने उनकी मदद के लिए सबकुछ किया.