मोदी ने कश्मीर पर समर्थन के लिए पुतिन को शुक्रिया कहा, बोले- भारत-रूस आतंरिक मामलों में बाहरी दखल के खिलाफ
- साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने पुतिन को अगले साल भारत आने का न्योता दिया, कहा- रूस के साथ रक्षा-परमाणु के क्षेत्र में समझौते हुए
- मोदी रूस के सुदूर पूर्व में स्थित व्लादिवोस्तोक जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने, उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा जाएगा
मॉस्को. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को 2 दिन के रूस दौरे पर व्लादिवोस्तोक पहुंचे। मोदी ने पुतिन के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कश्मीर मसले पर कहा कि दोनों ही देश आतंरिक मामलों में बाहरी दखल के खिलाफ हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों में रक्षा, व्यापार और परमाणु क्षेत्र में दर्जनों एग्रीमेंट हुए हैं। उन्होंने कहा कि चेन्नई-व्लादिवोस्तोक जलमार्ग पर सहमति बनी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही मोदी ने पुतिन को अगले साल एनुअल समिट में भारत आने का न्योता दिया। विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि मोदी ने कश्मीर पर समर्थन के लिए पुतिन का शुक्रिया किया और अपने कदम का मकसद बताया।
इससे पहले भारतीय समुदाय ने रूस पहुंचने पर एयरपोर्ट पर मोदी का स्वागत किया। मोदी को एयरपोर्ट पर ही गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। व्लादिवोस्तोक पहुंचने पर मोदी ने कहा कि जहां 21वीं सदी में मानव विकास की नई गाथाएं लिखी जा रही हैं। ऐसे कर्मतीर्थ में आकर मुझे अपार खुशी हो रही है। रूस के सुदूर व्लादिवोस्तोक जाने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। मोदी कल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ईईएस में हिस्सा लेंगे। पुतिन ने मोदी को इस समिट में चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया है।
दोनों देश सहयोग को सरकारी दायरे से बाहर लाए- मोदी
साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा- पुतिन और मेरे बीच पहली मुलाकात 2003 में हुई थी। अटलजी प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात के सीएम के तौर पर प्रतिनिधिमंडल में आया था। तबसे हमने स्पेशल और प्रिवेलेज्ड स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप से स्ट्रैटजिक हितों के अलावा, लोगों के विकास को भी जोड़ा है। हमने सहयोग को सरकारी दायरे से बाहर लाकर उसमें लोगों और प्राइवेट इंडस्ट्री की असीम ऊर्जा को जोड़ा है। आज हमारे सामने दर्जनों बिजनेस एग्रीमेंट हुए हैं। रक्षा के क्षेत्र में रूसी उपकरणों के स्पेयर पार्ट्स भारत में बनाने का समझौता हुआ है। साल की शुरुआत में एके 203 का ज्वाइंट वेंचर समझौता को-मैन्युफैक्चरिंग को ठोस आधार दे रहा है। हमारे रिश्तों को हम राजधानियों के बार भारत के राज्यों और रूस के अन्य क्षेत्रों तक ले जा रहे हैं।
मुझे सम्मान का मतलब 130 करोड़ लोगों का सम्मान- मोदी
इससे पहले मोदी ने कहा- यह एक ऐतिहासिक पल है। इससे भारत और रूस के संबंधों को एक नया आयाम मिलेगा। कल होने वाली समिट में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित हूं। आपने मुझे देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजे जाने का भी ऐलान किया है। मैं राष्ट्रपति पुतिन और रूस के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं। ये दोनों देशों की दोस्ती को दिखाता है। मुझे सम्मान मिलना भारत के 130 करोड़ लोगों का सम्मान है।
मोदी पोत निर्माण केंद्र देखने भी गए
मोदी पुतिन के साथ ज्वेज्दा पोत निर्माण केंद्र भी देखने गए। मोदी और पुतिन के बीच ऊर्जा से जुड़े कई समझौते हो सकते हैं। व्लादिवोस्तोक में खनिज और ऊर्जा के बड़े भंडार मौजूद हैं। मोदी पुतिन से आर्कटिक जलमार्ग खोलने का आग्रह कर सकते हैं, ताकि भारत से रूस के इस हिस्से की दूरी कम हो जाए और दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाए जा सकें।
जलमार्ग पर समझौता अहम
अगर चेन्नई-व्लादिवोस्तोक जलमार्ग पर समझौते से भारत-रूस के बीच व्यापार को मजबूती मिलेगी। व्लाओएनजीसी और कुछ हीरा कंपनियां अभी रूस के इस सुदूर पूर्वी इलाके में काम कर रही हैं। भारत-रूस इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर पर भी काम कर रहे हैं। यह 7200 किलोमीटर लंबा सड़क, रेल और समुद्र मार्ग होगा। यह भारत, ईरान और रूस को जोड़ेगा। कॉरिडोर हिंद महासागर और फारस की खाड़ी से ईरान के चाबहार पोर्ट होते हुए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग को जोड़ेगा।
मैनपावर एक्सपोर्ट करने पर विचार कर रहे दोनों देश
विदेश सचिव विजय गोखले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि भारत और रूस के बीच एक विशेष रिश्ता है। प्रधानमंत्री इस रिश्ते को परमाणु ऊर्जा और डिफेंस के क्षेत्र से आगे अर्थव्यवस्था से जोड़ना चाहते हैं। भारत आने वाले समय में रूस को मैनपावर निर्यात करने पर भी विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जहां कहीं भी मैनपावर की कमी है, भारत उन सभी जगहों पर स्किल्ड वर्कर्स को भेजने के बारे में सोच रहा है।
विदेश सचिव ने यह भी बताया कि भारत का प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है और रूस की तरफ से इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। दरअसल, राजधानी मॉस्को से व्लादिवोस्तोक तक ट्रेन से पहुंचने में 7 दिन लगते हैं। यहां कम जनसंख्या की वजह से प्राकृतिक संसाधनों के खनन में भी परेशानी आती है। ऐसे में कृषि और खनन सेक्टर में भारत के लिए यह बड़ा मौका होगा।
पहले दिन दोनों देशों के बीच डेलिगेशन स्तर की बातचीत होगी
मोदी के रूस दौरे के पहले दिन उनके और राष्ट्रपति पुतिन के बीच डेलिगेशन स्तर की बातचीत होगी। इसके बाद दोनों अलग से बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री के साथ 50 सदस्यों वाला फिक्की का एक डेलिगेशन भी व्लादिवोस्तोक गया है। 5 सितंबर को दोनों नेता ईस्टर्न इकोनामिक फोरम में हिस्सा लेंगे। मोदी के भारत लौटने से पहले पुतिन उन्हें जूडो चैम्पियनशिप दिखाने भी ले जाएंगे। पुतिन खुद एक जूडो खिलाड़ी हैं।