उत्तर प्रदेशराजनीति
माया ने घर से कराया था अरेस्ट, मुलायम के खिलाफ चुनाव लड़ चुका है ये बाहुबली
लखनऊ. जौनपुर के मछली शहर से बीएसपी सांसद रह चुके बाहुबली उमाकांत यादव के चुनाव लड़ने की याचिका पर निचली अदालत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। यह यूपी के पहले बाहुबली सांसद हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई है। इनके भाई बाहुबली रमाकांत यादव बीजेपी से सांसद रह चुके हैं। वह 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़े थे।
मायावती ने अपने घर से कराया था अरेस्ट
– उमाकांत यादव को सांसद रहने के दौरान ही मायावती ने अपनी सरकार में जमीन पर कब्जा करने के आरोप में अपने घर के पास से अरेस्ट कराया था।
– 2007 में फरारी के दौरान उमाकांत यादव सीएम से मिलने के लिए गए थे।
– उमाकांत यादव को सांसद रहने के दौरान ही मायावती ने अपनी सरकार में जमीन पर कब्जा करने के आरोप में अपने घर के पास से अरेस्ट कराया था।
– 2007 में फरारी के दौरान उमाकांत यादव सीएम से मिलने के लिए गए थे।
कोर्ट ने दिया था फैसला
– साल 2007-08 में जेल में रहते हुए उमाकांत यादव पर जौनपुर में एक ब्राह्मण महिला की जमीन फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराने का आरोप लगा था।
– मामले में गीता नाम की महिला की याचिका पर जौनपुर दीवानी न्यायालय ने उन्हें सात साल की सजा सुना चुकी है।
– हाईकोर्ट से जमानत पर छूटने के बाद एक बार फिर से अपनी राजनीतिक विरासत पाने के चक्कर में दोबारा हाईकोर्ट का फर्जी आदेश लगाने का आरोप है।
– साल 2007-08 में जेल में रहते हुए उमाकांत यादव पर जौनपुर में एक ब्राह्मण महिला की जमीन फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराने का आरोप लगा था।
– मामले में गीता नाम की महिला की याचिका पर जौनपुर दीवानी न्यायालय ने उन्हें सात साल की सजा सुना चुकी है।
– हाईकोर्ट से जमानत पर छूटने के बाद एक बार फिर से अपनी राजनीतिक विरासत पाने के चक्कर में दोबारा हाईकोर्ट का फर्जी आदेश लगाने का आरोप है।
2012 में शपथ पत्र गलत भरने का लगा था आरोप
– विधानसभा 2012 के चुनाव में मल्हनी विधान सभा से निर्दल प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा।
– चुनाव आयोग ने सत्यापन किया तो उनके द्वारा शपथ पत्र के साथ दाखिल किए गए हाईकोर्ट का आदेश फर्जी मिला।
– फर्जीवाड़े में सात साल की सजा पा चुके उमाकांत को जस्टिस एसए बोबडे की पीठ ने हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था।
– हाईकोर्ट ने पहले तो याचिका खारिज कर दी।
– बाद में अपील को पीठ ने स्वीकार कर लिया था, लेकिन सुनवाई अभी तक लंबित है।
– विधानसभा 2012 के चुनाव में मल्हनी विधान सभा से निर्दल प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा।
– चुनाव आयोग ने सत्यापन किया तो उनके द्वारा शपथ पत्र के साथ दाखिल किए गए हाईकोर्ट का आदेश फर्जी मिला।
– फर्जीवाड़े में सात साल की सजा पा चुके उमाकांत को जस्टिस एसए बोबडे की पीठ ने हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था।
– हाईकोर्ट ने पहले तो याचिका खारिज कर दी।
– बाद में अपील को पीठ ने स्वीकार कर लिया था, लेकिन सुनवाई अभी तक लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट में की थी अपील
– इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि जब तक अपील लंबित है, तब तक मुवक्किल को दोषसिद्धि और सजा को स्थगित रखा जाय।
– याचिका में कहा गया था कि उमाकांत यादव सांसद रहने के साथ ही 3 बार विधायक भी रह चुके हैं। वह 2013 से जमानत पर हैं। ऐसा नहीं किया गया तो वह अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
– इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि जब तक अपील लंबित है, तब तक मुवक्किल को दोषसिद्धि और सजा को स्थगित रखा जाय।
– याचिका में कहा गया था कि उमाकांत यादव सांसद रहने के साथ ही 3 बार विधायक भी रह चुके हैं। वह 2013 से जमानत पर हैं। ऐसा नहीं किया गया तो वह अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
– इस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है।
बीएसपी और सपा से विधायक-सांसद रह चुके हैं उमाकांत यादव
– आजमगढ़ में बाहुबली के रूप में उमाकांत यादव 1991 में बीएसपी से खुटहन विधानसभा से विधायक बने।
– इसके बाद 1993 में वे सपा बसपा गठबंधन से दूसरी बार इसी सीट से विधायक चुने गए।
– 1996 के चुनाव में सपा बसपा गठबंधन टूटने के बाद उमाकांत यादव बीएसपी छोड़ समाजवादी पार्टी से विधायक बने।
– 2002 के विधान सभा चुनाव में उमाकांत यादव ने बीजेपी-जदयू गठबंधन से खुटहन से चुनाव लड़ा, लेकिन बसपा प्रत्याशी शैलेंद्र यादव ललई से हार गये।
– 2004 लोकसभा चुनाव में उमाकांत यादव जेल बंद रहते हुए एक बार फिर से मछलीशहर से बीएसपी के टिकट पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी को हरा कर सांसद बने।
– आजमगढ़ में बाहुबली के रूप में उमाकांत यादव 1991 में बीएसपी से खुटहन विधानसभा से विधायक बने।
– इसके बाद 1993 में वे सपा बसपा गठबंधन से दूसरी बार इसी सीट से विधायक चुने गए।
– 1996 के चुनाव में सपा बसपा गठबंधन टूटने के बाद उमाकांत यादव बीएसपी छोड़ समाजवादी पार्टी से विधायक बने।
– 2002 के विधान सभा चुनाव में उमाकांत यादव ने बीजेपी-जदयू गठबंधन से खुटहन से चुनाव लड़ा, लेकिन बसपा प्रत्याशी शैलेंद्र यादव ललई से हार गये।
– 2004 लोकसभा चुनाव में उमाकांत यादव जेल बंद रहते हुए एक बार फिर से मछलीशहर से बीएसपी के टिकट पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी को हरा कर सांसद बने।
जमीन कब्जा का लगता रहा है आरोप
– 1996 में सपा के टिकट पर विधायक चुने जाने के बाद उमाकांत यादव ने महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबु हासिम आजमी के रिश्तेदार की जमीन कब्जा कर लिया।
– 2007 में आजमगढ़ के सरायमीर थाना क्षेत्र के पलिया गांव के ग्राम प्रधान की दुकान पर बुल्डोजर चलाकर उस पर कब्जा करने का आरोप लगा।
– 2004 के शपथ पत्र के अनुसार, उमाकांत यादव पर 2 हत्या के, 2 हत्या के प्रयास, 2 धोखाधडी सहित 20 और मामले दर्ज हैं।
– 1996 में सपा के टिकट पर विधायक चुने जाने के बाद उमाकांत यादव ने महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबु हासिम आजमी के रिश्तेदार की जमीन कब्जा कर लिया।
– 2007 में आजमगढ़ के सरायमीर थाना क्षेत्र के पलिया गांव के ग्राम प्रधान की दुकान पर बुल्डोजर चलाकर उस पर कब्जा करने का आरोप लगा।
– 2004 के शपथ पत्र के अनुसार, उमाकांत यादव पर 2 हत्या के, 2 हत्या के प्रयास, 2 धोखाधडी सहित 20 और मामले दर्ज हैं।