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मानवता को तारतार करने वाला मामला एक ही एम्बुलेंस में 22 कोरोना मरीजों का शव रख कर भेजा,जांच के आदेश

औरंगाबाद: महाराष्ट्र (M के बीड़ जिले के अंबेजोगई में एक एंबुलेंस में 22 शवों को एक दूसरे पर रखकर श्मशान गृह तक ले जाने का मामला सामने आया है. अंबेजोगई के स्वामी रामतीर्थ हास्पिटल की एंबुलेंस नंबर MH-29/AT-0299 रविवार को इन शवों को बाडी पैक में लपेटकर एक दूसरे पर रखकर श्मशान घाट तक ले जाया गया.
बीड़ के जिला कलेक्टर रविंद्र जगताप ने एंबुलेंस के जरिए 22 शव ले जाने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं. अंबेजोगई के एडिशनल कलेक्टर इस मामले की जांच करके अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. हैरान कर देने वाले इस मामले में जिला प्रशासन ने एंबुलेंस की कमी को इसका एक कारण बताया है. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर शिवाजी शुक्रे ने मंगलवार को कहा, ‘अस्पताल प्रशासन के पास पर्याप्त एंबुलेंस नहीं हैं, जिसके कारण ऐसा हुआ.’
अधिकारियों ने कहा कि उनके पास पिछले साल कोविड-19 के पहले दौर में पांच एंबुलेंस थीं. उनमें से तीन को बाद में वापस ले लिया गया और अब अस्पताल में दो एंबुलेंस में कोविड रोगियों को लाया और ले जाया जा रहा है.
अधिकारी ने ये भी कहा, ‘कभी-कभी, मृतकों के संबंधियों को ढूंढने में समय लग जाता है. लोखंडी सवारगांव के कोविड-19 केन्द्र से भी शवों को हमारे अस्पताल में भेजा रहा है क्योंकि उनके पास कोल्ड स्टोरेज नहीं है. विभाग की ओर से तीन और एंबुलेंस मुहैया कराने के लिये 17 मार्च को जिला प्रशासन को पत्र लिखा था.
इस बीच, बीजेपी नगर पार्षद सुरेश ढास ने आरोप लगाया कि अस्पताल और स्थानीय नगर निकाय एक दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं. अंबाजोगाई नगर परिषद के मुख्य अधिकारी अशोक साबले ने कहा कि शवों को मांडवा रोड पर स्थित श्मशान (कोविड-19 रोगियों के अंतिम संस्कार के लिये तय श्मशान) ले जाना मेडिकल कॉलेज की जिम्मेदारी है.
वहीं नगर परिषद अध्यक्ष राजकिशोर उर्फ पापा मोदी ने भी घटना को लेकर चिंता प्रकट की और कहा कि उसी दिन एक और एंबुलेंस में आठ शवों को श्मशान ले जाया गया. इस बीच शहर में व्यवस्था सुधारने के दावे किए जा रहे हैं.

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