माचिस की तीलियों से बना रहा था बम, डिप्लोमा होल्डर है आतंकी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश एटीएस ने रविवार को एक बड़े आतंकी मॉड्यूल को तोड़ते हुए अलकायदा से संबंधित दो आतकंवादियों को गिरफ्तार किया. अब सोमवार को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बड़ा खुलासा हुआ है. गिरफ्तार किए गए आतंकियों में से एक ने पूछताछ के दौरान बताया कि वो अपने हैंडलर से करीब डेढ़ साल पहले संपर्क में आया था और उसे सामान्य तौर पर मिलने वाली चीजों से बम बनाने के लिए बोला गया था.
काकोरी इलाके से गिरफ्तार किए गए इन दोनों आतंकियों को एटीएस ने कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की रिमांड पर एटीएस को सौंप दिया गया है. जानकारी के अनुसार मुख्य आरापी डिप्लोमा होल्डर है और पहले एक लैब तकनीशियन के तौर पर काम कर रहा था. बाद में उसने एक बैट्री की दुकान पर भी काम किया था.
वहीं आतंकियों के ठिकाने से एटीएस को एक विस्फोटक डिवाइस भी मिली थी जिससे ये पता चलता था कि उसमें पोटाशियम नाईट्रेट और फॉसफोरस का प्रयोग किया गया है. शुरुआती पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसने अपने हैंडलर को बताया था कि फॉसफोरस का मिलना उतना आसान नहीं है. उसके बाद उसे माचिस की तीलियों से कंपाउंड तैयार करने के लिए कहा गया था. आरोपी ने पूछताछ में कुछ अन्य लोगों के नामों का भी खुलासा किया है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है.
मामले में एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया था कि अन्य टीमों द्वारा इन आतंकवादियों के सहयोगियों की तलाश हेतु अलग-अलग स्थानों पर दबिश दी जा रही है. पूछताछ के दौरान हिरासत में हिए गए अभियुक्तों द्वारा अपने सहयोगियों के घर से भाग जाने की बात कही थी. जिसके आधार पर एटीएस की टीम इन इलाकों में सघन चेकिंग अभियान चला रही है.
आईजी एटीएस डॉ. जीएस गोस्वामी ने बताया कि आतंकी मिनहाज और मसरुद्दीन ने लखनऊ में ही प्रेशर कुकर बम की खेप तैयार करने के साथ ही 15 अगस्त से पहले लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, मेरठ, बरेली व अयोध्या को दहलाने की योजना बना ली थी. इन दोनों आतंकवादियों का कानपुर कनेक्शन सामने आया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में लखनऊ के साथ कानपुर से इन आतंकवादियों को मदद दी जा रही थी.