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महिलाओं की इज्‍जत लूटकर भोजपुरी में दी जाती है गाली: हेमंत सोरेन

रांची. झारखंड के मुख्‍यमंत्री ने हेमंत सोरेन भाषा को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिस पर एक बार फिर से प्रदेश में भाषाई विवाद गहरा सकता है. सीएम सोरेन ने इस बार भोजपुरी और मगही भाषा को लेकर बयान दिया है. उन्‍होंने कहा कि इन दोनों भाषाओं को बोलने वाले डोमिनेटिंग लोग हैं. हेमंत सोरेन ने कहा, ‘भोजपुरी और मगही बिहार की भाषा है, झारखंड की नहीं. झारखंड का बिहारीकरण क्‍यों किया जाए? महिलाओं की इज्‍जत लूटकर भोजपुरी भाषा में गाली दी जाती है. आदिवासी और क्षेत्रीय भाषाओं के दम पर जंग लड़ी गई थी, भोजपुरी और मगही भाषा की बदौलत नहीं. झारखंड आंदोलन क्षेत्रीय भाषा के दम पर लड़ी गई थी.’

मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्‍यू में कहा कि झारखंड आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों की छाती पर पैर रखकर, महिलाओं की इज्जत लूटते वक्त भोजपुरी भाषा में ही गाली दी जाती थी. उन्‍होंने कहा कि आदिवासियों ने झारखंड को अलग राज्य बनाने की लड़ाई क्षेत्रीय भाषाओं के दम पर लड़ी है न कि भोजपुरी और हिन्दी भाषा की बदौलत. सीएम ने आगे कहा कि वह किसी भी हालत में झारखंड का बिहारीकरण नहीं होने देंगे.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भोजपुरी और मगही भाषा को लेकर दिए गए बयान के बाद से विवाद शुरू हो गया है. रांची से बीजेपी सांसद संजय सेठ ने सीएम पर पलटवार किया है. उन्‍होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान गलत आपत्तिजनक है. मुख्यमंत्री को ऐसा नहीं बोलना चाहिए था. भोजपुरी, मगही, मैथिली ये सब भाषाएं धरोहर हैं. समाज को तोड़ना नहीं चाहिए. समाज को जोड़ना, पूरे झारखंड को एक रखना और पूरे भारत को एक रखना हमारा लक्ष्य होना चाहिए. भोजपुरी आज की भाषा नहीं है. दुनिया के संपन्न से संपन्न राष्ट्रों में भी यह भाषा बोली जाती है. बिहारी तो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. सीएम सोरेन का बयान संघीय ढांचा पर प्रहार है.’

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