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ममता की दावेदारी को कांग्रेस ने दिया जोर का झटका

नई दिल्ली: पीएम मोदी के सामने विपक्ष का चेहरा कौन होगा? यह सवाल इसलिए उठ खड़ा हुआ है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष की अगुआई को लेकर दावेदारी पेश कर दी है। कई क्षेत्रीय दल ममता बनर्जी के साथ आने को तैयार भी हैं, लेकिन क्या कांग्रेस पार्टी टीएमसी की पिछलग्गू बनना पसंद करेगी? सोनिया गांधी से ममता की प्रस्तावित मुलाकात से पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी ने साफ कह दिया है कि यदि बीजेपी के खिलाफ कोई मोर्चा बनता है तो उसकी अगुआई यूपीए चेयरपर्सन ही करेंगी।

ममता बनर्जी पांच दिनों के लिए दिल्ली पहुंच रही हैं और इस दौरान वह सोनिया गांधी सहित विपक्ष के कई बड़े नेताओं के साथ मुलाकात करके साथ मांग सकती हैं। इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि बीजेपी से लड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों को सोनिया गांधी की अगुआई में एकजुट होना चाहिए। एएनआई से बात करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ”मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से न्योता दिया गया है। उन्होंने पहले भी ब्रिगेड परेड ग्राउंड में बैठक बुलाई थी और उसमें मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए थे। वह वही दोबारा कर रही हैं।”

कांग्रेस नेता ने यह भी याद दिलाया है कि जब सोनिया गांधी ने विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश की तो टीएमसी प्रमुख ने दूरी बना ली। उन्होंने कहा, ”कई मौकों पर कांग्रेस अध्यक्ष ने अलोकतांत्रिक ताकतों से लड़ने के लिए कई बैठकों का आयोजन किया। कई बैठकों में टीएमसी शामिल नहीं हुई, लेकिन अब देश के लोग चाहते हैं कि विपक्ष एकजुट हो। बीजेपी से लड़ने के लिए सभी दलों को सोनिया गांधी के नेतृत्व में एकजुट होना चाहिए।”

 

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