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मप्र / सिंघार बोले- मैंने पार्टी फोरम पर अपनी बात कह दी; दिग्विजय समर्थकों ने मंत्री का पुतला फूंका

  • दिग्विजय के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उमंग सिंघार कमलनाथ से मुलाकात के बाद नहीं कर रहे बात 
  • कार्यकर्ताओं ने सिंघार के निवास के बाहर पुतला फूंका और वनमंत्री के खिलाफ नारे लगाए

भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर तीखे आरोप लगा कर प्रदेश की राजनीति में नई बहस खड़ी करने वाले वन मंत्री उमंग सिंघार 12 घंटे बाद मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि उन्हें जो बात कहनी थी, वाे उन्होंने पार्टी संगठन के सामने कह दी है और अब उन्हें इसके आगे कोई टिप्पणी नहीं करनी। भाजपा के सवाल उठाने पर कहा कि वही ऐसी बातें कर रहे हैं। 

इस दौरान वनमंत्री के निवास के बाहर दिग्विजय समर्थकों ने पुतला फूंका और सिंघार को पार्टी से बाहर करने के नारे लगाए। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने कहा कि उमंग सिंघार जहां भी जाएंगे, हम उनका विरोध करेंगे। उन्हें पार्टी से बाहर कर देना चाहिए।

सिंघार ने कहा कि उनके और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच जो भी बात हुई, वो निजी है और वे इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहते। उन्होंने दावा किया कि पार्टी में सब कुछ ठीक है और प्रदेश में कोई संवैधानिक संकट नहीं है। कल रात ही एक ऑडियो वायरल होने के बाद सिंघार के गृहक्षेत्र धार के सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे को हटाए जाने पर सिंघार ने कहा कि मुख्यमंत्री को जो कार्रवाई करनी थी, वो उन्होंने कर दी।

पार्टी फोरम पर अपनी बात कह चुका हूं 

सिंघार ने कहा कि कमलनाथ जी से मुलाकात हो गई है। और शाम को दीपक बावरिया जी से भी मेरी बात हो गई है। मैं उनसे अपनी बात कह चुका हूं। हालांकि सिंघार ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ दिए गए बयानों से इनकार नहीं किया, लेकिन उस पर कुछ बोले भी नहीं। उन्होंने कहा कि जो कहना था, वो मैं पहले कह चुका हूं। फिर से नहीं दोहराऊंगा।

बावरिया ने नेताओं को पत्र लिखा

इधर, पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि पूरा मसला सुलझा लिया गया है। बावरिया जी ने पत्र लिखकर पार्टी फोरम पर ही कांग्रेसी नेताओं को बात करने के लिए कहा गया है। सार्वजनिक टिप्पणी से बचने के लिए कहा गया है। पूरा मामला खत्म हो गया है। 

शिवराज सिंह ने कहा- मंत्री जी की आवाज दबाने का प्रयास  
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आदिवासी मंत्री उमंग सिंघार के घर दिग्विजय सिंह के समर्थकों ने उनका पुतला फूंककर अपशब्दों की बौछार की। एक आदिवासी मंत्री के बोलने पर उसके साथ यह व्यवहार किया गया, जब एक आदिवासी मंत्री सुरक्षित नहीं हैं तो यह सरकार आदिवासी भाई-बहनों व अन्य नागरिकों के हितों की रक्षा कैसे करेगी? आदिवासी मंत्री उमंग सिंघार की आवाज़ को दबाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। यह केवल आदिवासी मंत्री का नहीं, आदिवासी समाज का अपमान है।

यही कांग्रेस का चरित्र 

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा कि ये कांग्रेस का संकट नहीं, ये उसका चरित्र है। इसे ही कांग्रेस कहते हैं। जनता अच्छे से समझती है कि ये किसकी सरकार है और सरकार ही सरकार को खा रही है। 8 महीने के अंदर प्रदेश में त्राहि-त्राहि मची हुई है। हर कोई परेशान है। 

उमंग सिंघार ने ये कहा था 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंह के बेहद करीबी माने जाने वाले उमंग सिंघार ने मंगलवार को दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला था। उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री ‘पावर सेंटर’ के तौर पर विभाग चला रहे हैं, कलेक्टर और कमिश्नर जैसे अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कराते हैं, खुद बैठकें लेते हैं और बच्चों सरीखी जिद करते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि दिग्विजय सिंह अपनी बयानबाजी से कांग्रेस का नुकसान कराते हैं।

ऑडियो वायरल होने सहायक आबकारी आयुक्त को हटाया 
उमंग सिंघार उन्होंने कहा था कि उन्होंने सिंह का सरकार पर से दबाव दूर करवाने के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा है। इसी बीच कल ही श्री सिंघार के गृह क्षेत्र धार जिले में आबकारी विभाग के एक अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता के बीच कथित फोन चर्चा का ऑडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही धार में पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे को भी हटा दिया गया।