मथुरा के वृंदावन में पूर्व डीजीपी ने की कथावाचन की शुरुआत.
मथुरा. बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अब अध्यात्म का चोला पहन कथावाचक बन गए हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में वृन्दावन के एक आश्रम में सावन के पहले दिन कथावाचन की शुरुआत की. पुलिस अधिकारी रहते अक्सर सुर्खियों में रहने वाले पूर्व आईपीएस ने बिहार पुलिस की सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी. बिहार विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने राजनीति में हाथ आजमाने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे. इसके बाद पिछले महीने ही उन्होंने धार्मिक मार्ग पर चलने की घोषणा की.
रविवार को वृंदावन में सावन महीने के पहले दिन उनके कथावाचन को सुनने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे और उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुनील भराला भी पहुंचे. इस अवसर बिहार के अररिया क्षेत्र के सांसद प्रदीप सिंह भी मौजूद रहे. इससे पूर्व भागवत प्रवक्ता श्याम सुंदर पाराशर ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजन कराया.
भागवत कथावाचन से पहले गुप्तेश्वर पांडेय मीडिया से भी मुखातिब हुए और पुलिस से राजनीति और फिर धर्म के मार्ग को चुनने की वजह का खुलासा किया. पांडेय ने कहा राजनीति के लिए जो गुण होने चाहिए उनमें उनका अभाव है, जबकि अध्यात्म के गुण उन्हें बचपन से मिले हैं. अब उन्होंने आध्यात्मिक गुणों को ही अपने बाकी जीवन का लक्ष्य बनाया है. पांडेय ने कहा कि उनका जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ, इससे सनातनी परिवेश में रहने का अनुभव शुरू से ही है. अयोध्या से कथा प्रवचन की पूरी शिक्षा दीक्षा लेकर वह अध्यात्म की राह पर चल पड़े हैं.