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मंदिर पर महंत बैठाने को लेकर दो पक्ष आमने-सामने, तनावपूर्ण स्थिति के बीच भारी पुलिस बल तैनात

जौनपुर जिले के बरसठी थाना क्षेत्र के परियत बाजार स्थित अति प्राचीन हनुमान मंदिर पर कब्जे को लेकर अनुसूचित जाति और बाजार के लोग आमने-सामने आ गए। अनुसूचित जाति के लोगों ने मंदिर पर अपना महंत बैठा दिया। इससे बाजार और आसपास गांवों के सैकड़ों की संख्या में लोग मंदिर पहुंच गए और हंगामा करने लगे।मंदिर पर भीड़ बढ़ती देख दूसरे पक्ष के लोगों ने मंदिर पर जाने के रास्ते को खोदने लगे। स्थिति तनावपूर्ण देख किसी ने पुलिस को सूचना दी। मंदिर पर कब्जे की बात सुनकर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया लेकिन नहीं माने।

पुलिस दोनों पक्षों को थाने लेकर चली आई। दोनों पक्षों की ओर से थाने पर भारी भीड़ जमा हो गई। थाने पर एसडीएम मड़ियाहूं और क्षेत्राधिकारी पहुंच कर मामले में पंचायत कर रहे हैं।सवर्ण लोगों का कहना है कि परियत बाजार में बहुत ही प्रचीन हनुमान मंदिर है। मंदिर पर भदरांव गांव के महंत गड़बड़दास उसी मंदिर पर करीब 30 वर्ष से रहते हैं। महंत की तबीयत खराब होने पर वे 20 दिन पहले अपने घर चले गए।

मंदिर पर परियत बाजार के सवर्ण जाति के लोग पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर का निर्माण हमारे पूर्वजों ने ही करवाया था। महंत न होने से अनुसूचित जाति के कुछ लोगों ने रामपुर थाना के बनीडीह गांव निवासी एक अनुसूचित जाति के महंत को बैठा दिया।यह बात जब परियत बाजार व आसपास के गांवों के लोगों को लगी तो सभी लोग आक्रोशित हो गए। लोगों की भीड़ मंदिर पर इकट्ठा होते देख दूसरे पक्ष के लोगों मंदिर पर जाने के रास्ते को खोद दिया। ग्रामीणों ने बताया कि दूसरे पक्ष के लोग मंदिर पर कब्जा कर महंत बैठाना चाह रहे हैं।

उधर अनुसूचित जाति के लोगों कहा कहना है कि अपने चक से मंदिर पर जाने के लिए रास्ता नहीं जाने देंगे। एसडीएम मड़ियाहूं कौशलेश मिश्रा ने कहा कि अगर रास्ता पुराना है तो बंद नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी का चक ही क्यो न हो। इंस्पेक्टर मुन्ना राम ने बताया कि मंदिर पर कब्जा करने का नहीं बल्कि रास्ते का विवाद है।

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