भूकंप के झटके से दहशत में आए लोग
मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मंगलवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. जानकारी के अनुसार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई है. भूकंप का केंद्र शिमला से 25 किमी. दूर मंडी में ही था. भूकंप के झटके देर रात 10.02 बजे महसूस किए गए. अचानक आए भूकंप के बाद इलाके में अफरा तफरी का माहौल हो गया. दहशत में आए लोग अपने-अपने घरों से बाहर आ गए. हालांकि इस दौरान किसी भी तरह के जानमाल की हानि की कोई खबर नहीं है. वहीं भूकंप के झटके महसूस होने के बाद प्रशासन और पुलिस महकमा अलर्ट हो गया है.
दरअसल, हिमाल प्रदेश में इन दिनों भूंकप आने की घटनाओं में वृद्धि हो गई है. बीते शुक्रवार देर रात को भी हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में करीब 12.01 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप की पुष्टि की थी. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 रही थी.
हालांकि, इस दौरान किसी तरह के जानमान का नुकसान नहीं हुआ था. वहीं आधी रात को नींद में होने के चलते लोगों को भी भूकंप महसूस नहीं हुआ था. बता दें कि इससे एक दिन पहले ही गुरुवार को कांगड़ा जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसकी तीव्रता 2.6 रिक्टर स्केल आंकी गई थी.
जानकारी के अनुसार, हिमाचल में इस महीने 20 दिन में 10 बार भूकंप आ चुका है. शिमला में सबसे अधिक 3 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. किन्नौर में 3 बार, चंबा में 2, मंडी और कांगड़ा में एक-एक बार भूकंप आया है. 15 नवंबर को हिमाचल में एक दिन में दो जिलों में भूकंप आया था. अहम बात है कि भूकंप की तीव्रता अधिक नहीं थी.
हिमाचल में सबसे अधिक भूकंप चंबा जिले में आते हैं. इसके बाद किन्नौर, शिमला, बिलासपुर और मंडी संवेदनशील जोन में हैं. शिमला जिले को लेकर भी चेतावनी दी गई थी कि यह शहर भूकंप जैसी आपदा के लिए तैयार नहीं है. इसके अलावा किन्नौर में साल 1975 में बड़ा भूकंप आ चुका है. वहीं, कांगड़ा में 1905 में भूकंप आया था, जिसमें 20 हजार लोगों की जान गई थी. वैज्ञानिकों का दावा है कि हिमालय के आसपास घनी आबादी वाले देशों में इससे भारी तबाही मच सकती है. राजधानी दिल्ली भी इसकी जद में होगी. शिमला और दिल्ली तो भूकंप के झटके सहने के लिए तैयार ही नहीं हैं.