भारत-रूस के बीच अमेरिका नहीं लेगा एक्शन !

न्यूयॉर्क – रूस के साथ S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डील को लेकर भारत के लिए अच्छी खबर है. अमेरिकी सरकार ने संकेत दिए हैं कि वो इस डील को लेकर भारत पर पाबंदिया नहीं लगाएगा. बता दें कि इस डील को लेकर अमेरिका ने आपत्ति जताई थी. साथ ही भारत के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही थी. भारत को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खेप मिलनी शुरू हो गई है.
बाइडन प्रशासन ने अभी तक साफ-साफ नहीं कहा है कि क्या वो एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए भारत पर काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (कात्सा) के तहत प्रतिबंध लगाएगा या नहीं. रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए अमेरिका पहले ही तुर्की पर कात्सा के तहत प्रतिबंध लगा चुका है.
भारत के लिए अच्छे संकेत – अमेरिका के विदेश विभाग के प्रतिबंध नीति समन्वय में राष्ट्रपति बाइडन के प्रतिनिधि जेम्स ओ ब्रायन से पूछा गया कि तुर्की पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से क्या भारत को भी चेतावनी मिली है. सांसद टॉड यंग ने ओ ब्रायन से पूछा, ‘मेरा मानना है कि उनकी परिस्थितियां काफी अलग हैं और उनकी अलग रक्षा भागीदारी भी है… लेकिन आप कैसे मानते हैं कि हमें अपने दोस्तों पर प्रतिबंध लगाने की संभावना के बारे में सोचना चाहिए?’
‘हमें संतुलन बनाए रखने पर गौर करना होगा’ – इसके जवाब में ओ ब्रायन ने कहा कि दोनों स्थितियों की तुलना करना कठिन है. नाटो का सहयोगी तुर्की रक्षा खरीद प्रणाली में अलग हटकर काम कर रहा है और भारत के साथ भागीदारी महत्वपूर्ण है जिसका रूस से पुराना नाता है.
उन्होंने कहा, ‘प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत को रूस से हथियार खरीदने के लिए हतोत्साहित कर रहा है और कुछ महत्वपूर्ण भू-रणनीतिक मसले भी हैं, खासकर चीन के साथ संबंधों को लेकर. इसलिए मेरा मानना है कि हमें संतुलन बनाए रखने पर गौर करना होगा.’
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भारत का समर्थन रिपब्लिकन पार्टी के सांसद टॉड यंग ने रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए भारत के खिलाफ कात्सा के तहत प्रतिबंधों में छूट देने का समर्थन करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को ऐसी किसी भी कार्रवाई का विरोध करना चाहिए जो भारत को क्वाड से दूर कर सकता है.
सांसद टॉड यंग ने कहा ‘चीन के खिलाफ हमारी प्रतिस्पर्धा में भारत एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और इसलिए मेरा मानना है कि हमें ऐसी किसी भी कार्रवाई का विरोध करना चाहिए जो उन्हें हमसे और क्वाड से दूर कर सकता है. इसलिए हमारे साझा विदेशी नीतिगत हित को देखते हुए मैं भारत के खिलाफ कात्सा प्रतिबंधों में छूट का पुरजोर समर्थन करता हूं.’