भारत पूर्वी एशिया के देशों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में सार्थक सहयोग को प्रतिबद्ध : प्रधान
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि भारत 21वीं सदी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वैश्विक क्षमता का निर्माण कर रहा है और पूर्वी एशिया के देशों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में सार्थक सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।
शिक्षा मंत्रियों के 5वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में प्रधान ने मनीला कार्य योजना के अनुरूप दीर्घकालिक और पारस्परिक रूप से लाभकारी शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने से जुड़ी भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधान ने शिक्षा पर मनीला कार्य योजना के सिद्धांतों का समर्थन करने वाली शिक्षा, प्रौद्योगिकी-आधारित शिक्षा के सार्वभौमिकरण, समानता, गुणवत्ता, लागत-प्रभावशीलता और लचीलेपन को सुनिश्चित करने के लिए भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को साझा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ पीएम-ईविद्या, स्वयं, दीक्षा आदि जैसी बहु-माध्यम वाली डिजिटल पहलों ने महामारी के दौरान शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित की।’’
शिक्षा मंत्री ने मांग पर आधारित पठन पाठन और डिजिटल असमानता को कम करने के लिए डिजिटल अवसंरचना को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लगातार किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया।
धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि भारत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप शिक्षा और कौशल को अधिक समावेशी, वहनीय, न्यायसंगत, ऊर्जावान और महत्वाकांक्षी बनाने के वास्ते एक सार्थक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधान ने छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच आदान-प्रदान को मजबूत करने, छात्रों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण के साथ अनुसंधान और शैक्षिक सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।