भारतनेट परियोजनाके लिए ग्लोबल टेंडर जारी, मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ब्रॉडबैंड से जुड़ेंगे गांव
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने मंगलवार को महत्वाकांक्षी भारतनेट परियोजना के तहत 16 राज्यों में 29,500 करोड़ रुपये के कार्यों के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत ग्लोबल टेंडर्स दिए हैं. नए दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के कार्यकाल में यह पहला बड़ा कदम है. भारतनेट परियोजना हर गांव को ब्रॉडबैंड से जोड़ेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में साल 2023 तक देश के सभी 6.3 लाख गांवों को कवर करने का वादा किया गया है. पीएम ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से घोषणा की थी कि इसे अगले 1,000 दिनों के भीतर हासिल किया जाएगा. फिलहाल जिन कामों के लिए ग्लोबल टेंडर्स जारी किए गए हैं, उसमें 3.61 लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ना शामिल है.
वैष्णव ने 9 जुलाई को नए दूरसंचार और आईटी मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद इस परियोजना की विस्तृत समीक्षा की थी. शुरुआत में इस प्रोजेक्ट के तहत अगस्त 2021 तक देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से कवर करना था. हालांकि यह डेडलाइन मिस हो गई. सरकार ने इस साल मार्च में संसद को बताया था कि अब तक केवल 1.5 लाख ग्राम पंचायतों की सेवा तैयार है और 5.09 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है. सरकार ने तब कहा था कि कोविड महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से परियोजना पर असर पड़ा.
बीते साल अगस्त में पीएम की घोषणा के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 30 जून को 16 राज्यों में पीपीपी मोड के माध्यम से भारतनेट की संशोधित कार्यान्वयन रणनीति को मंजूरी दी. इसके बाद देश के सभी 6.3 लाख गांवों तक इस परियोजना को पहुंचाने की योजना बनाई गई. इसके लिए 19,041 करोड़ रुपये के पीपीपी मॉडल के लिए अनुमानित अधिकतम वायबिलिटी गैप फंडिंग को भी मंजूरी दी गई.
टेंडर्स के बाद मंगलवार को जारी एक बयान में सरकार ने कहा कि भारतनेट पीपीपी परियोजना के तहत सभी ग्राम पंचायतों और गांवों को जोड़ना है. प्रोजेक्ट के तहत भारतनेट तैयार करना