भाजपा के नेता सिर्फ बयानबाजी और लेटरबाजी काफी सुर्खियों में !!

राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों पर कांग्रेस और भाजपा में घमासान शुरू हो गया है। राजनीतिक नियुक्ति प्राप्त नेताओं को कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री का दर्जा देने पर भाजपा के ऐतराज जताने के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है। खाद्यमंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि है भाजपा जल्द से जल्दी कोर्ट में चुनौती दे ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। खाचरियास ने हाईकोर्ट में चुनौती के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ के बयान पर कहा कि राजेंद्र राठौड़ को कोर्ट जाने में देरी नहीं करनी चाहिए। खाचरियावा ने विधानसभा के बाहर मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि जिन नेताओं को कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है वे लाभ के पद पर नहीं है। खाचरियावा ने कहा कि रहने के लिए भाजपा के नेता सिर्फ बयानबाजी और लेटरबाजी करने है।
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खाचरियावास बोले- संविधान के खिलाफ नहीं किया काम
खाद्यमंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि गहलोत सरकार ने संविधान के खिलाफ काम किया है तो भाजपा नेताओं को कोर्ट में चुनौती देनी चाहिए। उन्हें किसी ने रोका नहीं है। केवल आरोप लगाने से ही आरोप सही नहीं हो जाते। खाचरियावास ने कहा कि आईफोन वापसी भाजपा नेताओं का खेल है। भाजपा विधायक आईफोन लौटाने को इच्छुक नहीं है। लेकिन दबाव के चलते भाजाप के विधायक आईफोन रिटर्न कर रहे हैं।
राजेंद्र राठौड़ देंगे हाईकोर्ट में चुनौती
उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार ने राजनीतिक नियुक्ति प्राप्त 3 नेताओं को कैबिनेट मंत्री और अन्य को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने गहलोत सरकार के इस निर्णय को संवैधानिक प्रावधानों उल्लंघन बताया है। राजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार को कहा था कि सरकार के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। गहलोत सरकार ने तीन नेताओं चंद्रभान, बृजकिशोर शर्मा और रामेश्वर डूडी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। जबकि अन्य नेताओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है।