भविष्य में सामने होंगे नए खतरे और चुनौतियां-राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि अब लड़ाई का तरीका बदल गया और नए तरह के खतरे देश के सामने हैं. उन्होंने इस तरफ भी इशारा किया कि आने वाले वक्त में भारत के सामने नई तरह की चुनौतियां हो सकती हैं. राजनाथ सिंह ने यह बात सैन्य साहित्यिक उत्सव में कही. कोरोना काल में राजनाथ सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसमें शामिल हुए. राजनाथ सिंह ने कहा कि दूसरे दृष्टिकोण से मेरे लिए यह इवेंट बहुत जरूरी है. बदलते वक्त के साथ खतरों और युद्ध के तरीकों में बदलाव हो रहा है. आने वाले वक्त में सुरक्षा से संबंधित अलग मुद्दे हमारे सामने हो सकते हैं. यह तीन दिवसीय कार्यक्रम का चौथा संस्करण है. आज यानी शुक्रवार को उसका पहला दिन था. इसकी थीम ‘जय जवान, जय किसान’ रखी गई है.
सैन्य साहित्यिक उत्सव के बारे में क्या बोले राजनाथ सिंह – रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे देश में राष्ट्रीयता की भावना से साहित्य लिखे जाने की पुरानी परंपरा रही है. हिंदी हो या पंजाबी, या फिर गुजराती, लगभग सभी भाषाओं में ऐसे लेखन हुए हैं, जिन्होंने अपने समय में लोगों के अंदर स्वदेश प्रेम की भावना को जागृत और विकसित किया. उन्होंने कहा कि मिलिट्री लिटरेचर को आमजन से जोड़ने के पीछे, खुद मेरी गहरी रुचि रही है. मेरी बड़ी इच्छा है कि हमारी आने वाली पीढ़ियां, हमारे देश के इतिहास, खासकर सीमाई इतिहास को जानें और समझें. इसलिए रक्षा मंत्री का पद ग्रहण करने के साथ ही, मैंने बकायदा एक कमेटी गठित की. यह हमारे सीमाई इतिहास, उससे जुड़े युद्ध, शूरवीरों के बलिदान और उनके समर्पण को सरल और सहज तरीके से लोगों के सामने लाने की दिशा में काम कर रही है.
क्या है सैन्य साहित्यिक उत्सव – सैन्य साहित्यिक उत्सव (Military Literature Festival) एक सालाना कार्यक्रम है जो कि पंजाब सरकार और वेस्टर्न कमांड द्वारा करवाया जाता है. इसमें भारतीय सैनिकों को उनके बलिदान और बहादुरी के लिए याद किया जाता है और सम्मानित किया जाता है. इसमें सैन्य, सुरक्षा और जियो-पॉलिटिकल मुद्दों पर एक्सपर्ट चर्चा भी करते हैं. पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह 20 तारीख को इसमें शामिल होंगे.