भयानक राजनीति के चक्रव्यूह में फंसी जनता
सम्पादक शिवाकान्त पाठक
नवोदय नगर हरिव्दार! ऐक ओर कोरोना महामारी का खौंफ दूसरी ओर परिवार के लिए दो वक्त की रोटी की उलझन में आम जनमानस वैसे भी मौत की कगार पर खड़ा नजर आ रहा है और ऐसे में ही नेताओ में लोक प्रसिध्द पाने की ललक के चलते वर्चस्व की जंग आखिर परिणाम में पिसना तो जनता को ही है अभी हाल ही में हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड कंपनी में लगातार कोरोना पोजटिव मरीजों की बढ़ोत्तरी की खबरें आम बात हो चुकी थी उसी क्रम में अन्य कम्पनियों में भी केस मिलने का सिलसिला बादस्तूर तेजी पकड़ने लगा तथा इसी के चलते डी ऐम सी रविशंकर हरिद्वार ने मैनपावर की दस प्रतिशत कोरोना टेस्ट कराने का फरमान जारी कर दिया लेकिन ये हिंदुस्तान है यहां इस तरह के आदेश खास तरह के ठंडे बस्ते में डाल दिये जाते हैं चलिये बात फिर शुरू करते हैं कोरोना की तो नवोदय नगर में करीब 40 केस जो कम्पनियों से संम्बधित है मिले व उन गलियों को सील कर दिया गया ताकि ज्यादा ना फैले व आनन फानन में राजनीति का ऊंट बलबलाया नेताओं की खिचड़ी पकने लगी और नवोदय नगर चौक सील कर दिया गया सील होने की खबर से तमाम परिवारों की जिंदगियों पर भी सील होने खतरा मंडराने लगा करीब दस हजार आबादी वाले नवोदय नगर में आठ हजार लोग सिडकुल कम्पनियों में काम कर अपना परिवार चलाते हैं नन्हे बच्चों के जीवन का संकट किसने देखा किसे फुर्सत है सब को अपनी राजनीति दिखती है लेकिन प्रसाशन को वही निर्णय लेना चाहिए जो जनता के हित में हो क्यों कि कोरोना से नहीं कोमआर्विड से होती हैं मौंते कोरोना वायरस हमारे शरीर के इम्यूनिटी पावर की मजबूती के चलते घुटने टेक चुका है लेकिन भूख का कोई इलाज नहीं होता साहब साँप मारिये लकीर मत पीटिये वरना जनता पिस जायेगी और जब जनता ही नहीं होगी तो राजनीति किस पर करोगे शासन किस पर होगा !