भयभीत हुआ उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन-बहन को सत्ता से किया बेदखल
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की वर्कर्स पार्टी की मीटिंग कई लिहाज से सुर्खियों में रही। इस बैठक में किम जोंग उन ने अपने पद प्रतिष्ठा को ऊंचाई पर पहुंचाया, लेकिन सुर्खियों में रहने वाली अपनी बहन किम यो जुंग के कद को छोटा किया है। बता दें कि वर्कर्स पार्टी की मीटिंग के छठे दिन खुद को अध्यक्ष पद से महासचिव के पद पर प्रमोशन दिया। इसके पूर्व जोंग के स्वर्गीय पिता व दादा इस की पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इस बैठक में चौंकाने वाली बात यह थी कि किम ने अपनी बहन किम यो जुंग को कद कम करते हुए उसे उत्तर कोरिया के प्रभावशाली व्यक्तियों की अंदरूनी समिति से बाहर कर दिया। इसके बाद यह चर्चा जोरों पर है कि आखिर किम जोंग ने अपनी बहन की राजनीतिक हैसियत को क्यों कम किया। इसके पीछे क्या सत्ता में दूसरे स्थान पर किसी व्यक्ति को नहीं बैठाना है। आखिर किम जोंग को क्या भय सता रहा है किम यो जोंग पिछले साल पोलित ब्यूरो की वैकल्पिक सदस्य बन गई थीं। इस बार वर्कर्स पार्टी की मीटिंग में यह उम्मीद की जा रही थी कि उनको ब्यूरो की पूर्ण सदस्यता प्राप्त हो जाएगी। उत्तर कोरिया में पोलित ब्यूरो एक शक्तिसाली राजनीतिक ईकाई है। देश में यह उच्च स्तरीय अधिकारियों का प्रमुख संगठन है। सरकार के संचालन में इसके सदस्यों की महत्वपूर्ण भुमिका होती है। ब्यूरो की बैठकों में महत्वपूर्ण फैसले लिए जाते हैं। इसलिए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस फैसले के पीछे यह निहितार्थ लगाया जा रहा है कि किम यो जोंग को देश की राजनीति से दूर रखा जा रहा है। यहां तक चर्चा है कि किम जोंग उन का यह कदम उनकी बहन को राजनीति छोड़ने के लिए बाध्य कर सकता है। दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी द्वारा संचालित एक थिंक-टैंक ने सोमवार को एक टीवी समाचार कार्यक्रम के दौरान कहा कि वर्कर्स पार्टी की बैठक का उद्देश्य किम जोंग उन के नेतृत्व को मजबूत करना है। अगर किम यो जोंग पोलित ब्यूरो की सदस्य बन गई होती तो सभी की निगाहें उन पर होती। इससे पहले पोलित ब्यूरो में बाहरी लोगों के लिए बहुत कम जगह मिलती है। बता दें कि किम यो जोंग को सत्ता अपने पिता किम जोंग इल के बाद विरासत में मिली है।किम जोंग इल की वर्ष 2011 के अंत में मृत्यु हो गई थी। वर्तमान किम्स उत्तर कोरिया पर शासन करने के लिए अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी है, और उनका नेतृत्व उनके दादा किम इल सुंग द्वारा 1948 में देश की स्थापना के बाद स्थापित एक व्यक्तित्व पंथ पर आधारित है।