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बोले- टाइम था फिर भी नहीं दी एंट्री, लखनऊ में NEET नहीं दे पाए 3 हजार कैंडिडेट्स
लखनऊ. सीबीएसई ने रविवार को नेशनल एलिजबिलिटी-कम-एन्ट्रेंस टेस्ट (नीट-2) को ऑर्गनाइज कराया। सख्त नियमों के वजह से करीब 3 हजार कैंडिडेट्स को एग्जाम में अपीयर नहीं देने दिया गया। उन्हें सुबह 9.30 बजे तक सेंटर पहुंचना था। इससे पहुंचने के बावजूद उन्हें एंट्री नहीं दी गई। कैंडिडेट्स ने सेंटर पर मौजूद गार्ड्स से कहा, ‘प्लीज गेट खोल दीजिए, अभी एंट्री का टाइम बाकी है।’ इस पर गार्ड बोले, ‘एंट्री बंद हो गई है, शोरगुल मत करो। यहां से चले जाओ।’ सेंटर पर रोने लगे कैंडिडेट…
– लखनऊ के 60 सेंटर्स पर 35 हजार बच्चे नीट-2 एग्जाम के लिए अपीयर हुए।
– केंद्रीय विद्यालय, गोमतीनगर में पेपर देने पहुंची दीपशिखा ने बताया, ‘हम सेंटर पर 9 बजकर 15 मिनट पर पहुंचे थे।’
– एंट्री का टाइम साढ़े 9 बजे तक था। जब वह गेट पर पहुंची तो गार्ड अंदर से गेट बंद कर रहा था। पेपर का टाइम 10 से 1 बजे तक था।
– इसके बाद उसने और दूसरे कैंडिडेट्स गार्ड से कहा कि प्लीज गेट खोल दीजिए, अभी एंट्री का टाइम बाकी है।
– इस पर गार्ड ने उनसे कहा, ‘एंट्री बंद हो गई है, चिल्लाने की जरूरत नहीं है। यहां से चले जाओ।’
– इसी सेंटर पर एग्जाम देने उन्नाव से आई पल्लवी और आजमगढ़ से आए पंकज को भी एंट्री टाइम खत्म होने की बात कहकर सेंटर के अंदर जाने की परमिशन नहीं दी गई।
‘किसान हैं पिता-कैसे करवाएंगे दोबारा तैयारी, प्लीज पेपर देने दीजिए’
– हमीरपुर से एग्जाम देने आए हसीन और मान सिंह ने बताया, ‘हम दोनों के पिता किसान हैं।’
– ‘बड़ी मुश्किल से घरवालों को राजी करके कानपुर में पिछलेे 1 साल से 2 लाख रुपए खर्च करके मेडिकल की तैयारी की थी।’
– ‘अब घरवालों के पास दोबारा तैयारी करवाने का पैसा नहीं है।’
– ‘हम दोनों को एंट्री भी नहीं दी गई, ऐसे में अब हम कैसे मेडिकल में अपना करियर बना पाएंगे?’
– ‘हम लोग टाइम से सुबह 8 बजे सेंटर पर पहुंचे थे, लेकिन हमारे पास मोबाइल था।’
– ‘गार्ड ने कहा कि मोबाइल बाहर रख के आओ, एंट्री तभी होगी।’
– ‘हम मोबाइल रखकर 9 बजकर 20 मिनट पर सेंटर पहुंचे तो गार्ड ने गेट बंद कर दिया।’
– ‘हमने बहुत रिक्वेस्ट की, लेकिन गेट नहीं खुला।’
नियमों के चलते रोते रहे स्टूडेंट्स
– एग्जाम देने आई रीशू ने बताया, ‘कैंडिडेट्स का सिक्युरिटी चेक बहुत सख्त था।’
– ‘एडमिट कार्ड छोड़कर किसी भी चीज को अंदर ले जाने की परमिशन नहीं थी।’
– ‘सबसे ज्यादा दिक्कत बाहर से आए कैंडिडेट्स के लिए थी।’
– ‘मोबाइल से लेकर बेल्ट तक सब कुछ बाहर ही रखकर आना था।’
क्या कहना है जिम्मेदारों का?
– सीबीएसई के को-ऑर्डिनेटर और एग्जाम कंट्रोलर जावेद आलम ने बताया कि लखनऊ भर में अभी करीब 3000 स्टूडेंट्स के परीक्षा मिस होने की बात सामने आ रही है।’
– ‘सेंटर पर मोबाइल और नेट के इस्तेमाल को बंद करने के लिए जैमर लगवाया गया।’
– ‘कैंडिडेट को एडमिट कार्ड के अलावा कुछ भी अंदर ले जाने की परमिशन नहीं थी।’
– ‘स्टेशनरी भी कैंडिडेट को अंदर ही प्रोवाइड करवाई गई। मेटल की किसी भी चीज को अंदर ले जाने पर पाबंदी थी।’
– ‘यही वजह है कि चेकिंग के दौरान बेल्ट उतरवाई गई होगी।’
– आलम के मुताबिक, ‘इस सेंसिटिव एग्जाम को लेकर हमें सख्ती से सिक्युरिटी चेक करना पड़ता है।’
– ‘अगर समय रहते स्टूडेंट को एंट्री नहीं दी गई तो उन्हें वहां के सीबीएसई ऑब्जर्वर से कॉन्टैक्ट करना चाहिए था।’
– वहीं, स्टूडेंटस ने बताया कि जब सेंटर के अंदर ही नहीं जाने दिया और गेट पर गार्ड के अलावा कोई नहीं था, तो हम अपनी समस्या कहां दर्ज करवाते?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुआ एग्जाम
– आलम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के स्टेट लेवल पर ऑर्गनाइज होने वाले मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम को रद्द कर दिया था।
– इसके बाद मेडिकल में एंट्री नीट परीक्षा के जरिए कराने के निर्देश दिए गए।
– यूपी में स्टेट लेवल मेडिकल एन्ट्रेंस एग्जाम कम्बाइंड प्री-मेडिकल टेस्ट यानी सीपीएमटी को खत्म कर दिया गया।
– नीट-2 के जरिए प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सीटें भरने का भी सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया था।
– इसमें उन कैंडिडेट्स को भी मौका दिया गया, जिन्होंने नीट-1 में अप्लाई नहीं किया था।
– इसके बाद मेडिकल में एंट्री नीट परीक्षा के जरिए कराने के निर्देश दिए गए।
– यूपी में स्टेट लेवल मेडिकल एन्ट्रेंस एग्जाम कम्बाइंड प्री-मेडिकल टेस्ट यानी सीपीएमटी को खत्म कर दिया गया।
– नीट-2 के जरिए प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सीटें भरने का भी सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया था।
– इसमें उन कैंडिडेट्स को भी मौका दिया गया, जिन्होंने नीट-1 में अप्लाई नहीं किया था।