बोर्ड परीक्षाओं की घोषणा राहत वाली, छात्रों को तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा :प्राचार्य
नई दिल्ली। स्कूल प्राचार्यों ने कोविड-19 की अड़चनों के बीच सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के समय को लेकर सरकार की घोषणा को छात्रों और शिक्षकों के लिए ‘बड़ी राहत’ वाला बताया है और कहा कि इससे छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को घोषणा की थी कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) चार मई से 10 जून तक दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं प्रत्यक्ष रूप से आयोजित करेगा। स्कूल एक मार्च से प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित करेंगे और परिणाम 15 जुलाई तक घोषित किये जाएंगे। मॉडर्न पब्लिक स्कूल, शालीमार बाग की प्राचार्य अल्का कपूर ने कहा, ‘‘छात्रों पर कोविड-19 महामारी की वजह से पड़े दबाव को कम करने के लिहाज से यह घोषणा हितकारी है। विद्यार्थियों के पास अब बोर्ड परीक्षाओं के लिए तैयारी करने का पर्याप्त समय होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें स्कूल में सीधे तौर पर परीक्षा देने के लिए कम से कम एक मौका मिल सकता है और उनके पास मई में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने से पहले अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए भी काफी समय होगा। इससे उनके आत्मविश्वास में निश्चित रूप से इजाफा होगा।’’ सामान्य तौर पर स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षाएं जनवरी में होती हैं और लिखित परीक्षाएं फरवरी से शुरू होकर मार्च तक चलती हैं। हालांकि इस साल महामारी की वजह से परीक्षाएं लंबित हो रही हैं। डीपीएस स्कूल इंदिरापुरम की प्राचार्य संगीता हजेला के अनुसार, ‘‘हम तैयारी करेंगे। हम अपने छात्रों और स्टाफ की तैयारियों के बीच उसी हिसाब से तालमेल बैठाएंगे।’’ रोहिणी के एमआरजी स्कूल की प्राचार्य प्रियंका बरारा ने कहा, ‘‘हम इस घटनाक्रम से बहुत खुश हैं क्योंकि अब बच्चों को उनकी प्रायोगिक परीक्षाओं की तैयारियों के लिए भी और वक्त मिलेगा।’’ भारत में 1,500 से अधिक निजी स्कूलों के संगठन ‘एक्शन कमेटी ऑफ अनऐडिड प्राइवेट स्कूल’ के महासचिव भरत अरोरा ने कहा, ‘‘हम सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा 2021 के संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की रणनीतिक योजना की सराहना करते हैं।’’