बॉक्स ऑफिस पर ‘मुकाबला’ का जादू, वरुण- श्रद्धा के साथ टीम ने सजाया मंच
कलाकार: श्रद्धा कपूर, नोरा फतेही, वरुण धवन, धर्मेंश येलंडे, पुनीत पाठक, सलमान युसुफ खान और राघव जुयाल आदि।
निर्देशक: रेमो डिसूजा
निर्माता: भूषण कुमार, लेजली डिसूजा
रेटिंग: ***1/2
इस सदी में या इस सदी के शुरू होने के चार छह साल पहले जन्मी पीढ़ी को तो खैर मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म डिस्को डांसर और गोविंदा की फिल्म इल्जाम के बारे में कम ही पता होगा, लेकिन इन दोनों फिल्मों की आत्मा का ही नया अवतार रही हैं एबीसीडी सीरीज की फिल्में। इस सीरीज की तीसरी फिल्म का नाम अलग रखा गया लेकिन कहानी का मूल वही है। गली गली संघर्ष करने वाली युवा पीढ़ी नए जमाने में मोबाइल पर व्यस्त है और हिंदी सिनेमा के हीरो हीरोइन की गलियां भी लंदन की हो चली हैं। स्ट्रीट डांसर पूरी तरह न्यू मिलेनियल्स की फिल्म है। गाना, बजाना, पैकेजिंग और हर तरह का धूम धड़ाका। कहानी इस तरह की फिल्मों में ज्यादा मायने नहीं रखती।
कहानी बहुत सहज है। कहानी के नायक सहज जैसी। सहज लंदन में अपने परिवार के साथ रहता है। उसका भाई इंदर एक बड़ा डांस कंपटीशन चोट के चलते हार जाता है। सहज भारत आकर खूब पैसा जुटाता है और लौटकर लंदन में बड़ा डांस स्टूडियो खोलता है। इंदर की टीम यानी स्ट्रीट डांसर्स फिर इकट्ठी होती है। लेकिन, लंदन की इन्हीं गलियों में एक पाकिस्तानी डांसर्स की भी टीम है, रूल ब्रेकर्स जिनके टीम लीडर हैं इनायत और जैन। दोनों के बीच अदावत डांस की गलियों से लेकर क्रिकेट के मैच तक चलती रहती है। और, बीच में एंट्री होती है एक दयावान यानी प्रभु अन्ना की और दोनों टीमों के अगला कंपटीशन जीतने के मकसद बदल जाते हैं। फिर क्या होता है, यही स्ट्रीट डांसर का असली पंच है।
दो साल पहले आई फिल्म जुड़वा के बाद से एक हिट की बाट जोह रहे वरुण धवन को टी सीरीज कंपनी का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उसने स्ट्रीट डांसर फिल्म को न सिर्फ पूरा सहारा दिया बल्कि इसके प्रचार प्रसार में पानी की तरह पैसा भी बहाया। वरुण धवन में टैलेंट हैं, बस वह अपनी ऑफ स्क्रीन इमेज ठीक रखें तो हिंदी सिनेमा के चोटी के पांच सितारों में गिनती उनकी भी सकती है। डांस उनका गजब का है और स्क्रीन प्रजेंस का करिश्मा उनके फिर काम आया है।
श्रद्धा कपूर ने हर बार की तरह फिर एक बार इनायत के किरदार में अपना सब कुछ झोंक दिया है। किरदारों के लिए कड़ी मेहनत करने का अभिनेत्रियों के बीच इन दिनों तगड़ा कंपटीशन चल रहा है और श्रद्धा कपूर भी लगातार अपना जज्बा दिखाकर इस कंपटीशन में बनी हुई हैं। फिल्म का सरप्राइज पैकेज हैं नोरा फतेही। स्ट्रीट डांसर्स की ट्रेनिंग के लिए जो कुछ उनका किरदार करता है, वह उन्हें एक नई ऊंचाई देता है। रेमो डिसूजा की टीम के बाकी डांसर्स नाचते कमाल का हैं ही, पुनीत पाठक और धर्मेश अभिनय भी कमाल का करने लगते हैं। फिल्म में प्रभु देवा का मुकाबला बड़े परदे पर देखने का मजा ही अलग है, सिर्फ ये एक गाना टिकट के पूरे पैसे वसूल करा देने में सक्षम है।
फिल्म में कहीं कुछ कमी है तो वह है इसकी कहानी में नएपन की और गानों में रूहानी असर की। निर्देशक के तौर पर रेमो ने एंटरटेनमेंट का बढ़िया ‘प्रोडक्ट’ बनाया है। फिल्म जिस दर्शक वर्ग के लिए बनी है, उसके लिए पंगा के मुकाबले वीकएंड इसी को देखते हुए बीतने वाला है। अमर उजाला मूवी रिव्यू में फिल्म स्ट्रीट डांसर को मिलते हैं साढ़े तीन स्टार।