अयोध्या

बैठक करते पूर्व होम्योपैथी महासंघ पदाधिकारी

अयोध्या। विश्व एड्स दिवस से पूर्व होम्योपैथी महासंघ, आरोग्य भारती के प्रतिनिधियों में वर्तमान परिस्थितियों में स्वास्थ्य के समग्र आयामों पर एक संवाद हुआ जिसकी अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ सचिन त्यागी ने कहा हमारी भारतीय जीवनशैली वैदिक शास्त्र सम्मत है जिसमे स्वास्थ्य के सभी शारीरिक, मानसिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक आयामो का संतुलन है।
जो व्यक्ति स्वयं संतुष्ट होते हुए सभी की संतुष्टि की कामना के सुफल प्रयास कर सकता है वह स्वस्थ है।योग प्रशिक्षक आयुष पांडेय ने कहा युक्तियुक्त आहार विहार और व्यवहार एवं नियमित योग आसन प्राणायाम हमारी शारीरिक व मानसिक इम्युनिटी को मजबूती प्रदान करते हैं। होम्योपैथी महासंघ के महासचिव डा उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा जनसंख्या घनत्व के अनुपात में कोरोना महामारी में भारतीय जीवनपद्धति की प्रमाणिकता स्वयंसिद्ध हुई है। हमारे ऋषियों मनीषियों ने अपने अनुसंधान को ग्रंथो के साथ जीवन के व्यवहार में सम्मिलित कर दिया जिससे हम प्रकृति के अनुरूप जीने के आदी रहे, पाश्चात्य संस्कृति के अनुकरण का नुकसान क्या है यह महामारी ने सचेत कर दिया। असमय और अनुचित खान पान व्यवहार दिनचर्या  असंयम ने हमारी इम्युनिटी को कितना नुकसान पहुचाया है इसका उदाहरण प्रतिरक्षा तंत्र की कमजोरी से होने वाली एड्स और अब कोरोना ने दिया है। चिकित्सा के सिद्धांतो का वर्णन आयुर्वेद व भारतीय ग्रन्थों में है उन्ही से तमाम पद्धतियों का कालांतर में विकास हुआ होगा।  समं समे शमयति व मर्दनम गुनवर्धनम के सूत्र पर एक पूरी पद्धति होम्योपैथी का विकास हुआ, इसके दर्शन, विज्ञान की भारतीय समानता के कारण इसका समुचित विकास भारत मे हो सका। शिशिर मिश्र ने कहा रामचरित मानस आदर्श व्यक्ति परिवार समाज व राष्ट्र के चरित्र की सीख देता ग्रन्थ है जिसे अपना कर किसी दैहिक दैविक भौतिक ताप से मुक्त रहा जा सकता है। इस संवाद में वीरेंद्र पाठक, प्रभात शुक्ल, व अंशिता अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त किये।

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