धर्म - अध्यात्म

बुध दोष के शिकार कहीं आप भी तो नहीं?

नई दिल्ली. कहते हैं कि बुधवार के दिन भगवान गणेश की उपासना के लिए बेहद ही खास माना जाता है. क्योंकि बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश जी समर्पित होता है. इसके साथ ही ये दिन बुध ग्रह को समर्पित होता है. बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना जाता है. बुध के मजबूत रहने से व्यक्ति अपने जीवन में यश, और कीर्ति पाता है. अगर बुध कमजोर है तो व्यक्ति को सिर दर्द, त्वचा और गर्दन की समस्या होती है. ज्योतिष शास्त्रों में बुध ग्रह को बद्धि, वाणी, तर्क क्षमता और मानसिक योगयता का ग्रह माना जाता है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह होता है तो उसके बनते काम बिगड़ने लगते हैं. ज्योतिषों को अनुसार अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध दोष है तो कुछ विशेष उपायों को करने से आपकी सभी परेशानी दूर हो जाती है. आइए जानते हैं बुध दोष को दूर करने के उपाय के बारे में.

ये उपाय करने से मिलेगा लाभ
– ज्योतिषों के अनुसार, बुध दोष को दूर करने के लिए अपने रिश्तेदारों के साथ संबंध मधुर रखना चाहिए. इसके लिए सबसे पहले अपने व्यवहार में सुधार करें.

– अगर बुध दोष प्रबल है तो नाक छिदवाना शुभ माना जाता है. इसके लिए एक बार अपने नजदीक के प्रकांड पंडित अथवा ज्योतिष से संपर्क करें.

– सनातन धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है. गौ माता की सेवा करने और हरी घास खिलाने से बुध दोष दूर होता है. इसके लिए बुधवार के दिन गाय को हरी घास जरूर खिलाएं.

– मान्यता है कि घर के पूर्व दिशा में लाल झंडा लगाने से बुध दोष दूर होता है. इसके लिए घर के पूर्व दिशा में लाल झंडा जरूर लगाएं.

– बुध दोष को दूर करने के लिए रोजाना ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ मंत्र का जाप करें.

– बुध ग्रह का प्रतीक हरा रंग होता है. इसलिए बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े पहनने से भी बुध ग्रह के दोष को दूर किया जा सकता है. इसके अलावा बुधवार को हरी मूंग के दाने या हलवा का सेवन करना भी लाभदायक माना जाता है.

– ज्योतिषों के अनुसार बुध ग्रह के दोष को दूर करने के लिए चांदी या कांस के गोल टुकड़े को अपने पर्स में रखें. ऐसा करने से पैसों की कमी नहीं होगी और सकारात्मकता बनी रहेगी.

– बुध ग्रह के दोष को दूर करने के लिए भगवान गणेश जी विधि विधान से पूजा करें. बुधवार के दिन लड्डू और 11 या 21 दूर्वा अर्पित करना शुभ होता है.

बुध शांति ग्रह मंत्र
प्रियंगुकलिकाश्यामं रूपेणांप्रतिमं बुधम्।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्॥

इस मंत्र का अर्थ है-आपकी काया निशा जैसी है, आप वर्ण में श्याम है. आपके मुखमंडल से तेज चमकता है. आप सभी गुणों में निपुण हैं. हे बुध देव आपको दंडवत प्रणाम-मेरा भी उद्धार करो.

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