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बुजुर्ग मरीजों को मौत का इंजेक्शन लगाने वाली कातिल नर्स

टोक्यो: डॉक्टरों के बारे में कहा जाता है कि वे भगवान के रूप होते हैं। लेकिन कोई डॉक्टर या नर्स ही मरीजों को मारने की इच्छा रखे तो शायद यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा। जापान से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक नर्स को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जिसने अपने ही मरीज को मौत का इंजेक्शन लगा दिया था। इतना ही नहीं नर्स ने खुद ही यह कबूल किया कि उसने अपने ड्रिप बैग में एंटीसेप्टिक घोल डालकर तीन मरीजों की हत्या कर दी थी।

दरअसल, यह घटना जापान के टोक्यो की है। यहां स्थित योकोहामा शहर के ओगुची अस्पताल में नर्स ने अपने मरीजों को जहर दिया था। उस नर्स ने सिर्फ एक मरीज के साथ ऐसा नहीं किया बल्कि कई मरीजों के साथ ऐसा किया था। और उसने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि मरीज के रिश्तेदारों को उनकी देखरेख में दिक्कत हो रही थी। बताया गया कि मरीज गंभीर रूप से बीमार रहते थे।

रिपोर्ट के मुताबिक कुबोकी नाम की इस नर्स ने सितंबर 2016 में अपने अपराध की बात स्वीकार की थी, जिसके परिणामस्वरूप उनकी धीमी मौत हुई थी। लंबे चले मुकदमे के बाद जापान की योकोहामा जिला अदालत ने हाल ही में कुबोकी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जज ने उसे मौत की सजा इसलिए नहीं दी क्योंकि नर्स को अपने किए का काफी पछतावा था और वह काफी दुखी थी।
जानकारी के मुताबिक कुबोकी ने सितंबर 2016 में अपने ड्रिप बैग में एंटीसेप्टिक घोल डालकर तीन मरीजों की हत्या करने की बात स्वीकार की थी, जिसके परिणामस्वरूप उनकी धीमी मौत हुई थी। 34 वर्षीय इस नर्स ने कहा कि उसने टोक्यो के पास योकोहामा शहर के ओगुची अस्पताल में अपने मरीजों को जहर दिया था। कुबोकी ने पहले अपने अपराध के बचाव में एक बार पुलिस को बताया था कि अगर इन मरीजों की जिम्मेदारी मुझ पर आ जाती है तो मैं यह नहीं कर पाती।

नर्स कुबोकी को सजा सुनाते हुए जज कजुनोरी करेई ने कहा कि नर्स ने ऐसे कृत्यों को यह जानते हुए किया कि वे गैरकानूनी थे। जज ने कहा कि कुबोकी के लिए आजीवन कारावास एक उचित सजा थी क्योंकि उसने मुकदमे के दौरान अपने रवैये पर पछतावा दिखाया है। जज ने यह भी बताया कि वह अपराधों की भारी गंभीरता को समझती है, और यहां तक ​​कि उसके अंतिम बयान में यह बात दिख भी रही थी।

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