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बिजली विभाग ने भेजा 80 करोड़ का बिल

मुंबई: अगर आपका बिजली का बिल चार-पांच हजार से ज्यादा आ जाए तो आपको झटका लग सकता है. लेकिन अगर किसी का दो महीने का बिजली बिल 80 करोड़ रुपये आ जाए तो उसे करंट लगना स्वाभाविक है. मुंबई के पास वसई में रहने वाले एक शख्स के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. बिजली विभाग ने वसई के रहने वाले गणपत नाईक को 80 करोड़ 13 लाख 89 हजार 6 रुपये का बिल थमा दिया है. ये कोई पांच दस साल का बकाया बिल नहीं है बल्कि सिर्फ दो महीने का बिल है. ये बिल जनवरी में भेजा गया है. गणपत नाईक एक छोटी सी चावल मिल चलाते हैं. लॉकडाउन के चलते वैसे ही उनका कामकाज बंद था. ऐसे में दो महीने का 80 करोड़ रुपये से ज्यादा का ये बिल देखकर वो और उनका पूरा परिवार सदमे में है.

पीड़ित गणपत नाईक का कहना है कि बिजली विभाग ऐसा कैसे कर सकता है. बिल भेजने से पहले वो मीटर चेक नहीं करते क्या? ऐसे कैसे किसी को गलत बिल भेज सकते हैं.

गणपत नाईक वसई के निर्मल इलाके में पिछले 20 वर्षों से छोटी सी चावल मिल चलाकर अपना और परिवार का पेट पाल रहे हैं. उनका कहना है कि अब तक ज्यादा से ज्यादा उनके बिजली का बिल 54,000 रुपये महीना आता था. लॉकडाउन में उनकी मिल कई महीने बंद थी, इसके बावजूद दो महीने का इतना बिल कैसे आ सकता है. उन्होंने बिजली कंपनी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.
उधर बिजली कंपनी इसका ठीकरा मीटर रीडिंग करने वाली एजेंसी पर फोड़ रही है. महावितरण के अतिरिक्त कार्यकारी अभियंता सुरेंद्र मुंगारे ने कहा कि ये गड़बड़ी बिजली मीटर का रीडिंग लेने वाली एजेंसी की तरफ से हुई है. बिल में करेक्शन किया जा रहा है.
मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में बिजली के बढ़े हुए बिलों से लोग परेशान हैं और विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ आंदोलन भी चला रखा है. ऐसे में 80 करोड़ का ये बिजली बिल सवालों के घेरे में आ गया है.

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