बायोटेक और फाइजर कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से मुकाबला करने के लिए सक्षम है

नई दिल्ली, कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने पूरे विश्व को खौफजदा कर दिया है। कई देशों ने अपनी सीमाओं को सील करने की कवायद शुरू कर दी है। भारत ने भी कोरोना वायरस के इस नए खतरे ने निपटने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। इस बीच बायोटेक ने अच्छी खबर दी है। दावा किया है कि वह कोरोना वायरस म्यूटेशन को खत्म करने वाली वैक्सीन छह हफ्ते में बना सकते हैं। इसलिए लोगों को घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। बायोटेक के साथ फाइजर ने दावा कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से मुकाबला करने के लिए उनकी वैक्सीन सक्षम है। बायोटेक के सीईओ उगुर साहिन ने कहा कि वैज्ञानिक समुदाय को भरोसा है कि फाइजर और बायोटेक की वैक्सीन अभी भी कोविड -19 के नए और तेज संक्रमण के खिलाफ प्रभावी होगी।
कोरोना वायरस के बदले रूप को लेकर लोगों के मन में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इनमें से एक सवाल यह भी है कि क्या कोरोना की मौजूदा वैक्सीन कोविड-19 के बदले स्वरूप से लड़ने में सक्षम है या नहीं? हालांकि, विशेषज्ञों की मानें तो मौजूदा वैक्सीन कोरोना के इस बदले स्वरूप से लड़ने में सक्षम है।
सीएसआइआर के डीजी डॉक्टर शेखर मैंडे का कहना है, ‘आमतौर पर माना जाता है कि वैक्सीन वायरस से किसी भी उत्परिवर्तन से लड़ने के लिए है, क्योंकि ये बहुत मामूली उत्परिवर्तन हैं। शरीर में पैदा होने वाले एंटीबॉडी पूरे वायरस के खिलाफ होते हैं। सिद्धांत रूप में वैक्सीन उत्परिवर्तित वायरस के खिलाफ प्रभावी होगा।’
कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अभी तक इस बात का साफ-साफ जवाब नहीं दे पाई हैं कि क्या उनका टीका वायरस के बदले स्वरूप से लड़ने में सक्षम है? BioNTech कंपनी के सह-संस्थापक उगर साहिन का कहना है कि वैज्ञानिक रूप से इस बात की संभावना बेहद ज्यादा है कि इस वैक्सीन की प्रतिरक्षा क्षमता वायरस के इस बदले हुए स्वरूप से भी निपट सकती है।
भारत में अभी तक कोरोना वायरस के इस बदले हुए स्वरूप से जुड़ा हुआ कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, इस बात से इन्कार भी नहीं किया जा सकता है। यूके से भारत आने वाले कई लोग कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं। ऐसे में लोगों को अतिरिक्त एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है।