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बाजार से अधिक कीमत पर कंपनी ने खरीदा धान नए कानून से 24 घंटे में मिला किसानों को न्याय

भोपाल |मध्य प्रदेश में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करने वाले किसानों से कंपनी को तय कीमत पर धान की खरीद करनी पड़ी। नए कृषि कानून की वजह से किसानों को महज 24 घंटे में न्याय मिला। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट करके यह जानकारी साझा की है। उन्होंने लाभार्थी किसानों का वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें वह अपना अनुभव बताते हुए कानून को किसानों का हितैषी बता रहे हैं।

मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में किसान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करते हैं। दिल्ली की कंपनी फॉर्चून राइस लि. ने किसानों से बाजार के अधिक मूल्य पर धान खरीदी का कॉन्ट्रैक्ट किया था। लेकिन धान की कीमत 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल होने पर कंपनी ने खरीदी बंद कर किसानों से संपर्क पूरी तरह से समाप्त कर दिया। गांव के किसान पुष्पराज पटेल और बृजेश पटेल ने 10 दिसंबर को उपजिलाधिकारी को शिकायत की। जिला प्रशासन ने नए कृषि कानून के तहत एक सुलह बोर्ड का गठन किया।

फॉर्चून राइस लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि को 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया। एसडीएम कोर्ट द्वारा जारी समन पर कंपनी के डायरेक्टर अजय भलोटिया हाजिर हुए और उन्होंने कॉन्शुलेशन बोर्ड के सामने 9 दिसंबर के उच्चतम दर पर धान खरीदना स्वीकार किया। उप जिलाधिकारी पिपरिया नितिन टाले ने बताया कि कृषकों से मंडी के उच्चतम मूल्य पर धान खरीदी के कॉन्ट्रैक्टके बावजूद कंपनी ने 9 दिसंबर को को मंडी में 3000 रुपये प्रति क्विंटल कीमत होने पर धान नहीं खरीदी। नए कृषि कानून का प्रयोग करते हुए शिकायत प्राप्त होने के 24 घंटे के अंदर कृषकों को अनुबंध अनुसार उच्चतम बाजार मूल्य दिलाए जाने की कार्रवाई की गई। किसानों ने कहा कि कंपनी द्वारा करार के बावजूद धान खरीदी नहीं किए जाने से उन्हें बहुत अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता।

उधर, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके बताया कि किस तरह नए कानून से किसानों को न्याय मिला है। शिवराज ने लिखा, ”अन्नदाता के हितों की रक्षा ही नए कृषि कानून का ध्येय है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि होशंगाबाद के किसानों को इस कानून के कारण 24 घंटे के भीतर न्याय मिला है।”

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी इस घटना को साझा करते हुए नए कृषि कानूनों को किसानों को सुरक्षा प्रदान करने वाला बताया है। तोमर ने ट्वीट किया, ”नए कृषि कानूनों से अब किसान अपने आप को सुरक्षित महसूस करने लगे हैं। होशंगाबाद के इन किसानों की 24 घंटे के अंदर न सिर्फ सुनवाई हुई, बल्कि उन्हें न्याय भी मिला।”

गौरतलब है कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। किसानों संगठनों की सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सरकार किसानों की ओर से उठाए गए कई मुद्दों पर संशोधन को तैयार हुई है, लेकिन किसान तीनों कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।

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