बजट सत्र का दूसरा चरण जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) का बजट आज
नई दिल्लीः संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज सोमवार से शुरू होगा. कोविड-19 संबंधी हालात में सुधार आने के कारण अब लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे से साथ-साथ चलेंगी. सरकार ने अपने एजेंडा में बजटीय प्रस्तावों के लिए संसद की मंजूरी लेने और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) के लिए बजट पेश करने को शीर्ष पर रखा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जम्मू-कश्मीर के लिए सोमवार को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेंगी. इस पर दोपहर के भोजन के बाद कार्यवाही के दौरान सदन में चर्चा हो सकती है.
विपक्षी दल सत्र के दौरान सरकार को बढ़ती बेरोजगारी, कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर में कटौती और युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी समेत कई मामलों पर घेरने की कोशिश कर सकते हैं. सरकार ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक को भी लोकसभा में विचार किये जाने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है. संसद के सत्र का दूसरा चरण ऐसे समय में आरंभ होगा, जब कुछ ही दिन पहले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने और पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने जीत हासिल की है.
बजट सत्र के पहले चरण में 29 जनवरी से 11 फरवरी तक दो अलग-अलग पालियों में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही संचालित की गई थी. 29 जनवरी को लोकसभा एवं राज्यसभा के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से शुरु हुए सत्र में पहले आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया गया था. उसके वित्त मंत्री सीतारमण ने 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया था. फिर राष्ट्रपति के अभिभाषण और केंद्रीय बजट के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के साथ अवसान हो गया था. सत्र का दूसरा चरण 8 अप्रैल तक चलेगा.
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने आवास पर कांग्रेस की संसदीय रणनीति समिति की बैठक बुलाई. इसमें बजट सत्र के दौरान समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के समन्वय के साथ काम करने का फैसला किया गया. बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यू्क्रेन से भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी, महंगाई, बेरोजगारी, कामगारों का मुद्दा, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसे मुद्दों को भी इस सत्र में उठाया जाएगा. संभावना है कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी पर विपक्षी दल सरकार से बयान की मांग करें.