बच्चों को नवंबर से लगनी है वैक्सीन

नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ बच्चों के टीकाकरण का काम नवंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू हो सकता है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को 2 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण के लिए मंजूरी दे दी है. बच्चों के टीकाकरण अभियान में लंबी और गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी. गंभीर बीमारियों की सूची को अगले तीन हफ्तों में तैयार कर लिया जाएगा.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया इस बारे में मिली सिफारिशों की समीक्षा कर रहा है और एक बार इन्हें मंजूरी मिलने के बाद टीकाकरण अभियान अगले महीने से शुरू हो जाएगा. नाम ना बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘DCGI द्वारा वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने के बाद नेशनल टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन के सदस्य मामले को अपने हाथों में ले लेते हैं और मंजूरी के लिए कंपनी द्वारा सबमिट किए गए डाटा का आकलन करते हैं. वे भारत बायोटेक से अतिरिक्त इनपुट भी मांग सकते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘वैक्सीन के प्रभाव और सुरक्षित होने से जुड़े डाटा के आधार पर NTAGI टीकाकरण में बच्चों के लिए प्राथमिकता सूची तैयार करेगी. लिस्ट को तैयार करने में तीन हफ्ते का समय लग सकता है. ये लिस्ट ही बच्चों के टीकाकरण अभियान की रीढ़ होगी और इससे ठोस योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी.’
NTAGI के सदस्य सूत्र ने कहा कि ये बात समझने की जरूरत है कि भारत बायोटेक टीकाकरण अभियान की शुरुआत में कितने डोज उपलब्ध करा सकता है और अगले तीन महीनों में वैक्सीन की कितने डोज उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि एक बार एडल्ट और बच्चों के लिए कोवैक्सीन की सप्लाई में सही बैलेंस बनाने के बाद नवंबर के मध्य या दूसरे पखवाड़े में बच्चों का टीकाकरण शुरू हो सकता है. सूत्र ने कहा कि उनकी मुख्य चिंता बच्चों के टीकाकरण के चलते बालिगों के टीकाकरण में किसी भी तरह का व्यवधान ना आने देने की है.
बता दें कोवैक्सीन देश की दूसरी वैक्सीन है, जिसे भारत में बच्चों के टीकाकरण के लिए मंजूरी मिली है. इससे पहले 12 साल से ऊपर के बच्चों के टीकाकरण के लिए जायडस हेल्थकेयर की वैक्सीन जायकोव-डी को सरकार ने मंजूरी दी है. हालांकि कोवैक्सीन पहली वैक्सीन है, जिसे दुनिया भर के 2 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण के मंजूरी मिली है. कंपनी को हर 15 दिन पर अपना डाटा सबमिट करना होगा.
दो खुराक वाली कोवैक्सीन के डोज 28 दिन के अंतर पर दिए जाएंगे. बच्चों को वैक्सीन की 0.5ml डोज दी जाएगी, जैसाकि बालिगों को दिया जाता है. DCGI की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने कंपनी को प्रोटोकॉल के तहत अपना अध्ययन जारी रखने को कहा है. पैनल ने कंपनी से सेफ्टी डाटा भी सबमिट करने को कहा है, जिसमें वैक्सीन के चलते लोगों के विपरीत प्रभावों या साइड इफेक्ट से संबंधित डाटा भी है. ये डाटा पहले 2 महीने हर 15 दिन पर सबमिट करना होगा. इसके बाद हर महीने सबमिट किया जाएगा.
बता दें कि पैनल ने जब बालिगों के लिए कोवैक्सीन को मंजूरी दी थी, तब भी इसी तरह की शर्तें भारत बायोटेक के समक्ष रखी थी. भारत बायोटेक ने मंगलवार को कहा कि उसने 2 से 18 वर्ष के बच्चों के क्लिनिकल डाटा सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन को सबमिट किए हैं. भारत बायोटेक ने कहा कि विश्व स्तर पर 2 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण के लिए मंजूरी पाने वाली यह पहली वैक्सीन है. अब हम प्रोडक्ट की लॉन्चिंग और बाजार में बच्चों के लिए कोवैक्सीन की उपलब्धता से पहले CDSCO की आगे की नियामक मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं.