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प्री-मॉनसून की पहली बारिश और तुफान ने हिमाचल में ढाया कहर, सेब की फसल तबाह

शिमला. हिमाचल प्रदेश में प्री-मॉनसून की पहली बारिश ने ही जगह-जगह कहर बरपाया है.
प्रदेश भर में शुक्रवार रात और शनिवार अल सुबह भारी बारिश और तूफान आया है. इस वजह से कई घरों और बिजली के खंभों को नुकसान हुआ है.

शिमला के कुमारसैन के किंगल में भारी बारिश और आंधी से सेब के पेड़ों को नुकसान पहुंचा है. यहां पर गाड़ियों पर पेड़ गिरे हैं.

सोलन में तूफान से सिरमौर चौक पर बिजली लाइन पर पेड़ गिर गया, जिससे अंबोटा तकसल, नाथ का पानी सेक्टर समेत कई इलाकों में बिजली गुल हो गई है.

ऊना में भी कई स्थानों पर पेड़ गिरे तो कई जगह बिजली की लाइनें टूटने से लोगों को रात भर अंधेरे में रहना पड़ा. हालांकि, आंधी के साथ बारिश ने भी लोगों को ठंडक पहुंचाने का काफी काम किया.

सुबह सवेरे बिजली बोर्ड के अधिकतर कर्मचारी विभिन्न स्थानों पर लाइनों की जोड़-तोड़ करते हुए दिखाई दिए. ऊना शहर के वार्ड-11 के वाशिंदों ने बताया कि देर रात आंधी से उनके बार्ड में ख़ासा नुक्सान हुआ है और बिजली आपूर्ति भी बाधित रही.

शिमला जिले में रात को आए तूफ़ान ने क़हर बरपाया और जुब्बल के सासकिर में मकान, गौशाला को पेड़ गिरने से नुकसान हुआ है. मंडी समेत कई इलाकों में शनिवार तड़के एकाएक बारिश शुरू हुई और तूफान भी आया.

ऊपरी शिमला में तूफान से खासा नुकसान हुआ है. बागीचों में सेब के पेड़ टूटे हैं और पेड़ों से फल गिर गए हैं.
शनिवार से प्रदेश में प्री-मानसून के आने के आसार हैं. शनिवार और रविवार को भारी बारिश, अंधड़ और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इस दौरान मलबा और पेड़ गिरने की चेतावनी भी जारी की गई है. लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की अपील की गई है. गुरुवार को चंबा में जहां बादल फटा है. वहीं, ऊना में ओले गिरे. वहीं. कांगड़ा में बिजली गिरने से 250-300 भेड़ों की मौत की सूचना है.

कुल्लू में बिजली महादेव मंदिर के पास जिया गांव के जंगल में बिजली गिरी और जंगल में आग लग गई. हालांकि, बाद में बारिश से आग बुझ गई. सूबे में शुक्रवार को भी मौसम खराब बना हुआ है. बादल छाए हुए हैं.

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