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प्रीमियम तत्काल के नाम पर कैसे ज्यादा किराया ले रहा रेलवे, 2300 का टिकट 7200 में

लखनऊ/रांची/ग्वालियर/इंदौर/रायपुर/जयपुर/भोपाल. रेलवे के इस पीक सीजन में पैसेंजर्स को एक्चुअल से तीन से पांच गुना ज्यादा किराया चुकाना पड़ रहा है। जिस स्लीपर क्लास का नॉर्मल किराया 265 रुपए लगता है, प्रीमियम तत्काल में उसके पांच गुना ज्यादा यानी 1000 रुपए तक चुकाने पड़ सकते हैं। इसी तरह भोपाल एक्सप्रेस में 1500 का एसी टिकट 4500 रुपए में और पुष्पक एक्सप्रेस में 2300 का टिकट 7200 रुपए में यानी तीन गुना कीमत पर मिल रहा है। कई मामलों में तो प्रीमियम तत्काल का टिकट एयर फेयर से भी ज्यादा है। जानिए देश के 7 शहरों से vicharsuchak.com की रिपोर्ट…
ऐसे पड़ रहा आपकी जेब पर असर
एक उदाहरण से समझें-अगर आप भोपाल से दिल्ली के लिए भोपाल एक्सप्रेस में सोमवार शाम साढ़े चार बजे प्रीमियम तत्काल में टिकट बुक कराने जाते तो किसी भी कैटेगरी में तीन गुना तक किराया देना पड़ता। IInd एसी का टिकट तो आपको सोमवार की एअर इंडिया की फ्लाइट से भी महंगा पड़ता।नीचे की टेबल में देखिए आपकी जेब पर कितना असर डाल रहा है प्रीमियम तत्काल…
क्लास नॉर्मल किराया प्रीमियम तत्काल का किराया (रुपए में) प्रीमियम तत्काल में अवेलेबल सीटें
स्लीपर 395 1153 32
IIIrd AC 1040 2921 5
IInd AC 1480 4456 3
सीटों की संख्या घटने पर ये किराया और बढ़ता जाता है। वहीं एअर इंडिया की सोमवार रात की फ्लाइट से जाने के लिए उन्हें 3679 रुपए ही खर्च करने पड़रहे थे।
प्रीमियम तत्काल में पैसेंजर्स को कैसे ज्यादा देने पड़े पैसे?
केस : 1
– ग्वालियर के मयंक अग्रवाल कहते हैं- झेलम एक्सप्रेस का ग्वालियर से जम्मू का टिकट 430 रुपए में मिलता है। लेकिन तत्काल प्रीमियम में मुझे तीन गुना रेट देने पड़े। रेलवे को कम से कम स्लीपर क्लास के पैसेंजर्स को तत्काल प्रीमियम के दायरे से बाहर रखना चाहिए।
केस : 2
– लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में अगर नॉर्मल स्लीपर का किराया 605 रुपए है तो प्रीमियम तत्काल में यह 1855 रुपए में मिल रहा है। इसी ट्रेन में सेकेंड एसी का नॉर्मल किराया अगर 2310 रुपए है तो प्रीमियम तत्काल में इसके रेट 7200 रुपए तक जा रहे हैं।
– इसी तरह गोरखपुर से लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस में 2540 रुपए का सेकेंड एसी का टिकट 5500 रुपए में मिल रहा है।
– हुसैन गंज के रहने वाले पीके सक्सेना का कहना है कि रेलवे लोगों की मजबूरियों का फायदा उठाकर पैसा वसूल रहा है जबकि सुविधा के नाम पर जीरो है। प्रीमियम तत्काल के बहाने रेलवे सीटों को बचाकर रख लेता है।
केस : 3
– पैसेंजर सर्वेश शर्मा बताते हैं- मुझे अर्जेंट में ग्वालियर से भोपाल जाना था। तमिलनाड़ु एक्सप्रेस में सीट नहीं मिली। लेकिन तत्काल प्रीमियम में 265 रुपए का टिकट 1000 रुपए से ज्यादा के रेट पर मिला। यानी पांच गुना ज्यादा।
केस : 4
– रांची के इम्प्लॉयमेंट ऑफिस में काम करने वाले सतीश श्रीवास्तव बताते हैं, ”रेल से सफर करने में वेटिंग लिस्ट बड़ी प्रॉब्लम है। इस कारण अर्जेन्ट जर्नी करने वालों को या तो तत्काल प्रीमियम में बढ़ा हुआ फेयर देना पड़ता है या फिर एजेंटों की मनमानी चलती है।”
केस : 5
– इंदौर के पैसेंजर महेश पुरोहित के मुताबिक, मैंने दिल्ली का टिकट इंदौर से ट्रेन छूटने के 4 घंटे पहले प्रीमियम तत्काल में करवाया था। इसका किराया मुझे पांच गुना यानी 425 रुपए की बजाय 2050 रुपए में लेना पड़ा।
केस : 6
– रघुवीर सिंह को 29 अप्रैल को रायपुर से वाराणसी जाना था। ट्रेन में तत्काल कोटे की सीटें फुल हो चुकी थीं, इस वजह से उन्हें प्रीमियम तत्काल कोटे में टिकट लेनी पड़ी। टिकट उन्हें 1850 रुपए की पड़ी, जबकि रायपुर से वाराणसी का नार्मल किराया 415 रुपए ही है।
क्या है प्रीमियम तत्काल?
– डायनामिक फेयर प्राइसिंग पॉलिसी के तहत प्रीमियम तत्काल कोटा अक्टूबर 2014 में शुरू किया गया था।
– यह टिकट ट्रेन का चार्ट बनने से पहले तक बुक कराया जा सकता है।
– यह सिर्फ ऑनलाइन बुक होता है। इसके कैंसलेशन पर रिफंड नहीं मिलता।
– नॉर्मल तत्काल में स्लीपर किराए पर दूरी के हिसाब से 90 से 175 रुपए ज्यादा लगते हैं। IIIrd AC में इसका चार्ज 250 से 300 रुपए और IInd AC में ये नॉर्मल किराए का 300 से 400 रुपए ज्यादा होता है।
– प्रीमियम तत्काल के रेट कम होती सीटों के हिसाब से बढ़ जाते हैं। लिहाजा दो से पांच गुना तक ज्यादा चार्ज देना पड़ता है।
– कम होती सीटों के साथ 20-20% रेट बढ़ता जाता है।

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