प्राकृतिक आपदाओं का संकेत देती है मां की डोली की सवारी
शारदीय नवरात्र: शक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र इस बार सात अक्तूबर से शुरू होगा। चतुर्थी तिथि क्षय होने के कारण नौ के बजाय आठ दिन के ही नवरात्र होंगे। 13 अक्तूबर को महाअष्टमी और 14 को महानवमी मनाई जाएगी। वहीं, मां दुर्गा इस बार डोली में सवार होकर आएंगी। यह स्थिति स्त्रियों के वर्चस्व में वृद्धि लेकिन प्राकृतिक आपदा, भूकंप, आगजनी और राजनीतिक उठापटक के संकेत देती है।
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे। जगतजननी मां जगदंबा के नौ अलग-अलग रूपों की उपासना होगी।
इस बार चतुर्थी तिथि क्षय होने के कारण नवरात्रि का एक दिन घट रहा है। नौ की बजाय आठ दिन का नवरात्र होगा। सात अक्तूबर को प्रतिपदा यानि पहली नवरात्र होगी। इसी दिन घटस्थापना की जाएगी। 13 अक्तूबर को अष्टमी और 14 को नवमी मनाई जाएगी। इन दोनों दिनों में भक्त कन्या पूजन कर सकेंगे।
इस बार नवरात्रि का आरंभ गुरुवार से हो रहा है। नवमी के बाद विजय-दशमी में शुक्रवार के दिन माता का प्रस्थान होगा। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार गुरुवार और शुक्रवार को माता की सवारी डोली होती है। मां जगदंबा डोली में सवार होकर आएंगी और डोली में बैठकर ही प्रस्थान करेंगी। मान्यता के मुताबिक, नवरात्रि में माता की डोली की सवारी स्त्री शक्ति की मजबूती लेकिन प्राकृतिक आपदा, आगजनी और राजनीतिक उठापटक के संकेत भी देती है।
नवरात्र 2021 की तिथियां:
प्रतिपदा 7 अक्तूबर मां शैलपुत्री
द्वितीया 8 अक्तूबर मां ब्रह्मचारिणी
तृतीया/चतुर्थी 9 अक्तूबर मां चंद्रघंटा/मां कूष्मांडा
पंचमी 10 अक्तूबर मां स्कंदमाता
षष्ठी 11 अक्तूबर मां कात्यायनी
सप्तमी 12 अक्तूबर मां कालरात्रि
अष्टमी 13 अक्तूबर मां महागौरी (दुर्गा अष्टमी)नवमी 14 अक्तूबर मां सिद्धिदात्री (महा नवमी)
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
इस बार घट स्थापना के लिए सात अक्तूबर को दो विशेष मुहूर्त हैं। पहला मुहूर्त सात अक्तूबर की सुबह 6:17 से 7:44 के बीच है। इस समय शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपस्थित होगा। इसके बाद, सुबह 9:30 बजे से स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा जो 11:43 बजे तक रहेगा।
पहला मुहूर्त सुबह 6:17 से 7:44 तक
दूसरा मुहूर्त सुबह 9:30 से 11:43 तक