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पैसा बचा तो लें, मगर इन्वेस्ट कहां करें ?

सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य इस आयु वर्ग के निवेशकों की विचार प्रक्रिया को समझना था. ये देखना था कि जब वे पैसे बचा लेते हैं तो अपने वित्तीय उद्देश्य  कैसे निर्धारित करते हैं. आयु वर्ग 500 प्रतिभागियों में से, 51 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा कि वे मासिक आय से पैसा बचाते हैं और अलग रखते हैं, लेकिन अपनी निवेश योजनाओं पर कार्य करने में असमर्थ हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि उनके पास आवश्यक ज्ञान की कमी है. जटिल वित्तीय शर्तें उन्हें भ्रमित अथवा कन्फ्यूज करती हैं और वे निर्णय लेने में अक्षम महसूस करते हैं.

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शॉर्ट टर्म खर्चों के लिए सेविंग – सर्वेक्षण में पाया गया कि बिना लक्ष्य के बचत करना एक और बाधा है. एक तिहाई से अधिक उत्तरदाताओं (33 प्रतिशत) ने कहा कि वे स्पष्ट लक्ष्य को ध्यान में रखे बिना किसी भी राशि को बचाने के लिए इच्छुक नहीं थे. हालांकि, बचत करने वालों में से 40 फीसदी ने कहा कि वे अपने शॉर्ट टर्म खर्चों के लिए सेविंग करते हैं.

कम जोखिम वाले निवेश विकल्पों की पेशकश करने वाली भरोसेमंद वित्तीय संपत्ति को खोजने में सक्षम नहीं होने के कारण आवश्यक ज्ञान की कमी और भी बढ़ जाती है. एक तिहाई से अधिक उत्तरदाताओं, 35 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें उपयुक्त संपत्ति  खोजने में परेशानी हुई.

क्रिप्टोकरेंसी नहीं है पहली पसंद – जब पसंद की बात आती है, तो क्रिप्टोकरेंसी लोकप्रियता में म्यूचुअल फंड से पिछड़ जाती है. दिलचस्प बात यह है कि 59 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि वे ट्रेंडिंग क्रिप्टोकरेंसी के बजाय म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करेंगे. लगभग आधे (45 प्रतिशत) ने कई यूपीआई ऐप का उपयोग करके किए गए खर्च को ट्रैक करने के बजाय, अपने खर्च पर नज़र रखने के लिए प्राथमिक तरीके के रूप में अपने बैंक स्टेटमेंट का उपयोग करने की बात स्वीकार की.

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