पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के बीच देश को मिली पहली हाइड्रोजन कार, नितिन गडकरी ने की सवारी
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल के रेट लगातार बढ़ रहे हैं। कुछ शहरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर के पार हैं। ऐसे में लोग पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप में सीएनजी जैसे ईंधन पर भरोसा कर रहे हैं। इस बीच देश में हाइड्रोजन कार भी सामने आ गई है। बहुप्रतीक्षित पहली हाइड्रोजन कार भारत में अपना सफर शुरू कर चुकी है। केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज बुधवार को इसकी सवारी की।केंद्रीय मंत्री इस एडवांस्ड कार में सवार होकर आज संसद पहुंचे। इस दौरान स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली यह कार लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही।
इस कार को टोयोटा कंपनी के पायलट प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है और इसमें एडवांस फ्यूल सेल लगाया गया है। यह एडवांस सेल ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के मिश्रण से बिजली पैदा करता है। इसी बिजली से कार चलती है। उत्सर्जन के रूप में इस कार से सिर्फ पानी निकलता है। नितिन गडकरी ने कहा कि यह कार पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और इससे किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलता है। उन्होंने कहा कि यह कार भारत का फ्यूचर है। पेट्रोल और डीजल इंजन वाली कारों से काफी प्रदूषण फैलता है, लेकिन हाइड्रो फ्यूल सेल कार से बिलकुल भी प्रदूषण नहीं होता है।
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टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स ने इंडियन मार्केट में हाल में अपनी हाइड्रोजन कार लॉन्च की थी। हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर चलने वाली देश की इस पहली कार को गडकरी ने ही लॉन्च किया था। गडकरी ने इस कार को फ्यूचर यूं ही नहीं बताया। दिलचस्प बात ये है कि कार के नाम का अर्थ भी यही है। जापानी भाषा के ‘मिराई शब्द का मतलब ही फ्यूचर यानी भविष्य है।
टोयटा ने इस कार के लिए हाइड्रोजन बेस्ड फ्यूल सेल सिस्टम डेवलप किया है। दरअसल ये भी एक इलेक्ट्रिक गाड़ी है, जो हाइड्रोजन यूज कर चलने के लिए जरूरी इलेक्ट्रिसिटी बनाती है। इसके फ्यूल टैंक से हाइड्रोजन की सप्लाई फ्यूल सेल स्टॉक को की जाती है। यह कार चारों ओर हवा में मौजूद ऑक्सीजन को खींचती है। फिर इन दोनों गैसों के केमिकल रिएक्शन से पानी (एच2ओ) और बिजली जेनरेट होती है। बिजली का इस्तेमाल कार को चलाने में होता है, जबकि पानी साइलेंसर से बाहर आ जाता है।