पुखराज (पुखराज )धारण करने की विधि
नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह के लिए अलग-अलग रत्नों के बारे में बताया गया है. शुक्र ग्रह को मजबूत करने और लग्जरी लाइफ के लिए हीरे के अलावा सफेद पुखराज (पुखराज )धारण किया जाता है. इस रत्न के प्रभाव से सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन में तमाम ऐशोआराम के साधन उपलब्ध हो जाते हैं. आइए जानते हैं सफेद पुखराज के फायदे, नुकसान और इसे धारण करने की सही विधि.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सफेद पुखराज धारण करने से जीवन में संपन्नता आती है. साथ ही कला, संगीत, कलाकार, गायक, लेखक आदि सफेद पुखराज धारण कर सकते हैं. वहीं अगर कुंडली में शुक्र अशुभ प्रभाव दे रहा है तो ऐसे में सफेद पुखराज धारण किया जा सकता है.
जिन लोगों को संतान और पति के सुख का अभाव है तो पुखराज धारण करने से लाभ हो सकता है. इसके अलावा शारीरिक और मानसिक क्षमता में भी वृद्धि होती है. इतनी ही नहीं, सफेद पुखराज विवाह में आ रही बाधा को दूर करने में भी सहायक होता है.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सिंह राशि वालों को सफेद पुखराज नहीं पहनना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्र का इस राशि के साथ शत्रुता वाला संबंध रहता है. साथ ही कुंभ राशि के जातकों को भी इस रत्न को धारण करने से बचना चाहिए. इसके अलावा मकर राशि के जातकों को भी इस रत्न को पहनने से परहेज करना चाहिए.सफेद पुखराज सुबह उठकर नहाने के बाद ही धारण करना चाहिए.सफेद पुखराज धारण करने की विधि इसे धारण करने से पहले इस रत्न से संबंधित ग्रह के मूल मंत्र, बीज मंत्र या वेद मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. इसके बाद ही इसे धारण करना चाहिए. सफेद पुखराज पुरुष को दाहिने हाथ में और महिला को बाएं हाथ में धारण करना चाहिए