main slideउत्तर प्रदेशकानपुरब्रेकिंग न्यूज़

पीयूष जैन के बाद कानपुर शहर के 31 कुबेरो पर DGGI की नज़रो मे ….

पीयूष की जांच के साथ शहर के 31 नए कारोबारी डीजीजीआई के रडार पर आ गए हैं। इनमें सुपाड़ी और कत्थे के अलावा चंदन, आयल और लौंग से जुड़े ऐसे नाम हैं जो ज्यादा चर्चा में नहीं हैं। इसी कड़ी में तीन सराफा कारोबारी, रियल इस्टेट उद्यमी और केमिकल से जुड़े व्यापारी भी हैं। सभी की गोपनीय जांच शुरू कर दी गई है।

200 करोड़ के खुलासे में जांच एजेंसी को शहर में पीयूष की तरह कई गुमनाम चेहरे मिले हैं, जो अरबों में खेल रहे हैं। पान मसाले के भारी भरकम बाजार से जुड़े 14 कारोबारी हैं, जो सप्लायर हैं। डमी नामों से एजेंसी लेकर करोड़ों के वारे-न्यारे करने वाले तीन व्यापारी भी विंग के हत्थे चढ़ गए हैं। कच्चे के कारोबार में मोटी रकम कमाकर उसे दूसरे बिजनेस में खपाने वाले 7 कारोबारियों का कच्चा चिट्ठा मिला है।

इनमें से अधिकांश ने सराफा और रीयल इस्टेट में पीछे के रास्ते निवेश किया है। इनपुट टैक्स क्रेडिट की चोरी और जीएसटी की चोरी से कम से कम 1100 करोड़ रुपये का निवेश अलग-अलग धंधों में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक तस्करी से आने वाले माल की सप्लाई में हर रोज 11 करोड़ की कमाई की जा रही है, जिसे बोगस फर्मों के नाम से शहर में ही अलग-अलग खपाया जा रहा है।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button