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पीएम मोदी ने निजीकरण के फायदे गिनाते हुए बताया, देश के लिए क्यों जरूरी है ?

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजीकरण पर वेबिनार में कहा कि बजट 2021-22 में भारत को वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए स्पष्ट रूपरेखा बनाई गई है. वेबिनार में पीएम ने ये समझाने की कोशिश की कि देश के लिए निजीकर क्यों जरूरी हो गया है. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज से सरकार को और देश को क्या नुकसान हो रहे हैं.

पीएम ने कहा कि सरकार खुद व्यापार चलाए, उसकी मालिक बनी रहे, आज के युग में न ये आवश्यक है और न ही ये संभव रहा. उन्होंने कहा, ‘सरकार जब व्यापार करने लगती है तो बहुत नुकसान होते हैं. निर्णय लेने में सरकार के सामने बंधन होते हैं. सरकार में वाणिज्यिक निर्णय लेने का अभाव रहता है. सभी को आरोप और कोर्ट का डर रहता है. इस कारण सोच रहती है कि जो चल रहा है उसे चलने दो ऐसी सोच के साथ व्यापार नहीं हो सकता.

वेबिनार में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के लिए बजट में घोषणाओं पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि सरकार का व्यापार में रहने का कोई काम नहीं है. सरकार का ध्यान लोगों के कल्याण और विकास से जुड़ी परियोजनाओं में ही रहना चाहिए.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम घाटे में हैं, कइयों को करदाताओं के पैसे से मदद दी जा रही है. खस्ताहाल सार्वजनिक इकाइयों को वित्तीय समर्थन से अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ता है, सरकारी कंपनियों को केवल इसलिए नहीं चलाया जाना चाहिए कि वे विरासत में मिली हैं.
पीएम ने कहा कि सरकार के पास कई ऐसी संपत्तियां हैं, जिसका पूर्ण रूप से उपयोग नहीं हुआ है या बेकार पड़ी हुई हैं, 100 परिसंपत्तियों को बाजार में चढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे. उन्होंने कहा ‘सरकार मौद्रिकरण, आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रही है, निजी क्षेत्र से दक्षता आती है, रोजगार मिलता है.’ उन्होंने आगे कहा कि निजीकरण, संपत्ति के मौद्रिकरण से जो पैसा आएगा उसे जनता पर खर्च किया जाएगा.

मोदी ने नई PSU निजीकरण नीति पर कहा, ‘वेबिनार में पीएम ने कहा कि सरकार चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों के सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को प्रतिबद्ध है. रणनीतिक महत्व वाले चार क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कम से कम स्तर पर रखा जाएगा.

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